BHU: सर सुंदरलाल अस्पताल के MS पर लगे अभद्रता के आरोप, सभी आरोपों को MS ने किया खारिज...

बीएचयू अस्पताल की महिला कर्मचारियों ने अस्पताल के एमएस पर वार्डों के निरीक्षण के दौरान अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत महिला शिकायत प्रकोष्ठ से की है।

BHU: सर सुंदरलाल अस्पताल के MS पर लगे अभद्रता के आरोप, सभी आरोपों को MS ने किया खारिज...

वाराणसी, भदैनी मिरर। बीएचयू अस्पताल के एमएस द्वारा महिला कर्मचारियों से अभद्रता करने का मामला सामने आया है। बीएचयू अस्पताल की महिला कर्मचारियों ने अस्पताल के एमएस पर वार्डों के निरीक्षण के दौरान अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत महिला शिकायत प्रकोष्ठ से की है। प्रकोष्ठ के चेयरमैन को तीन सितंबर को शिकायती पत्र देने के साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की चेयरमैन को भी इसकी कॉपी भेजी गई है। इसमें छह महिला कर्मचारियों ने पांच बिंदुओं वाले शिकायती पत्र के आधार पर न्याय संगत कार्रवाई की गुहार लगाई है। वहीं आरोपों को खारिज करते हुए एमएस प्रो. केके गुप्ता ने कहा कि मैं इन लोगों से बात ही नहीं करता। उन्होंने कहा की  मरीजों की ओर से काफी कंप्लेन आती हैं. आरोप लगते रहते हैं, हमें तो काम कराना है. मैं एएनएस से नहीं, उनके ऊपर डीएनएस से ही बात करता हूं. काली-मोटी जैसे आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गया. सुपरवाइजारों से काम कराना है. मेरे साथ पूरी टीम चलती है.

महिला कर्मचारियों का आरोप हैं कि एमएस गलियारे और लिफ्ट में किसी महिला कर्मचारी को देखने के बाद लोगों के सामने उस पर अभद्र टिप्पणी भी करते हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि निरीक्षण के दौरान कुर्सी चले जाने की धमकी भी देते हैं।  उधर महिला कर्मचारियों द्वारा लगाए गए आरोप को गलत बताते हुए  एमएस प्रो. केके गुप्ता ने बताया है कि वह वार्ड में निरीक्षण के दौरान मरीजों और उनके तीमारदारों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सामने सही तरीके से बात ही नहीं करते हैं।


वहीं तीन सितंबर को जिन छह महिला कर्मचारियों ने महिला शिकायत प्रकोष्ठ में एमएस की शिकायत की है, उनमें से एक को एमएस आफिस में डिप्टी रजिस्ट्रार की ओर से नोटिस जारी किया गया है। 10 सितंबर को जारी इस नोटिस में संबंधित कर्मचारी को 4 सितंबर से 10 सितंबर तक रात की पाली में रोस्टर के अनुसार ड्यूटी न करने का जिक्र है। डिप्टी रजिस्ट्रार ने इसको अस्पताल ड्यूटी नियमावली के विपरीत बताया है। साथ ही पत्र मिलने के बाद तीन दिन के भीतर जवाब भी देने को कहा गया है।