BHU: धरनारत B.Voc. के छात्रों पर विश्वविद्यालय ने करवाई FIR, ABVP ने छात्रों का समर्थन कर विवि का किया विरोध...
बीएचयू में बी. वॉक के धरनारत छात्रों पर विश्वविद्यालय ने प्राथमिकी दर्ज करवाई है. जिसका एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में बैचलर ऑफ वोकेशन कोर्स (B.Voc.) के अचानक बंद होने से अधर में फंसे भविष्य को लेकर चिंतित छात्रों के धरना के क्रम में मुख्यद्वार बंद किए जाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों पर मुकदमा पंजीकृत करवाया है. लंका पुलिस ने सहायक सुरक्षाधिकारी विजय कुमार की तहरीर पर 13 नामजद छात्रों के विरुद्ध दर्ज की गई है. वही मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने विश्वविद्यालय के इस कृत्य का विरोध किया है.
विजय कुमार के मुताबिक 29 जुलाई की दोपहर दो बजे अपनी मांगों को लेकर छात्र मुख्य द्वार के बीच में धरना पर बैठ कर विश्वविद्यालय प्रशासन के विरूद्ध नारेबाजी करने लगे. जिससे आवागमन पूर्णतया वाधित हो गया. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बार-बार समझाने का प्रयास किया गया लेकिन छात्र अपने जिद पर अड़े रहे. पुलिस प्रशासन के सहयोग से छात्रों को मुख्यद्वार पर धरने से बलपूर्वक हटाया गया. छात्रों द्वारा मुख्य द्वार बंद किये जाने के कारण लगभग चार घंटे तक यातायात बूरी तरह प्रभावित रहा. तहरीर के आधार पर मीतरंजन, सूरज मौर्या, शिवांश सिंह, कुशल दूबे, प्रत्युष शुक्ला, हर्ष वर्मा, मृदुल केशरी, प्रयत्न राय, प्रतीक कुमार मिश्रा, कौशिक गुप्ता,वीअनुज कुमार मौर्या, अमन राज पाण्डेय, और नीलेशकान्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 342 और 353 पंजीकृत किया गया है.
छात्रों पर मुकदमा करना तानाशाही मानसिकता का परिचय
ABVP के इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा "अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय प्रशासन के इस दमनकारी एवं छात्र विरोधी निर्णय का कड़े शब्दों में विरोध करती है एवं विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करती है की शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों पर किए गए मुकदमे तत्काल वापस हों एवं बैचलर ऑफ वोकेशनल के छात्रों की सभी मांगो पर तत्काल कार्यवाही की जाए. विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों से संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान करे". इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा की "विद्यार्थियों की समस्या का समाधान करने के बजाए उन पर मुकदमा करना तानाशाही एवं छात्र विरोधी मानसिकता को दर्शाता है". विश्वविद्यालय प्रशासन सर्वप्रथम यह मुकदमा वापस ले एवं सभी समस्याओं के समाधान हेतु संवाद का रास्ता अपनाए. बीवोक में लंबे समय से अनियमित्तताएं हैं जिन का समाधान करना शीघ्र आवश्यक है".