कोयले के चूल्हे पर खाना बनाकर पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस के मूल्यों में वृद्धि के विरोध में उतरी जनता...
The public came out in protest against the increase in the prices of petrol diesel and domestic gas by cooking on a coal stoveकोयले के चूल्हे पर खाना बनाकर पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस के मूल्यों में वृद्धि के विरोध में उतरी जनता...
वाराणसी,भदैनी मिरर। लगातार देश में बढ़ रहे पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस के मूल्य में लगातार हो रही वृद्धि को कम करने एंव पेट्रोल- डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग को लेकर सामाजिक संस्था सुबह-ए- बनारस क्लब के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल, महासचिव राजन सोनी, एवं उपाध्यक्ष अनिल केसरी के नेतृत्व में बुधवार को मैदागिन स्थित भारतेंदु पार्क में पुराने पद्धति के तर्ज पर कोयला के चूल्हे पर चाय एवं खाना बनाकर विरोध-प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान मुकेश जायसवाल, राजन सोनी एवं अनिल केसरी ने संयुक्त रूप से कहा कि घरेलू गैस के साथ दिन प्रतिदिन जिस प्रकार से पेट्रोल और डीजल के मूल्य में वृद्धी की जा रही है। उससे आम जनमानस में आक्रोश व्याप्त हो है। इसके कारण खाने-पीने की सभी चीजों का भाव आसमान को छू रहा है। महंगाई की आंच किस तरह से गरीबों व मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों के चूल्हे तक पहुंच चुकी है,यह कहने की बात नही है। ऐसे में लोगों को दो वक्त का संतुलित भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है। रोजमर्रा की चीजें हरी सब्जियां, तेल, दाल, मसाले, आदि की आसमान छूती कीमतें सभी वर्ग के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। बढ़ती मंहगाई की सबसे अधिक मार मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ रही है। इन्हें घर की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए जूझना पड़ रहा है। स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, कितने परिवारों को महीना खत्म होते-होते घर चलाने के लिए कर्ज तक लेना पड़ रहा है। महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार को गंभीरता से विचार करना पड़ेगा। आम जन मानस के लिए आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया की कहावत चरितार्थ हो रही है। मध्यम श्रेणी से लेकर आम जनता के पास अब सरकार से गुहार लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। प्रदर्शन में मुख्य रूप से मुकेश जायसवाल,राजन सोनी, अनिल केशरी, प्रतिमा चौरसिया, नीलम, सरोजिनी, चंद्र शेखर चौधरी, सुमीत सर्राफ, प्रदीप गुप्त, डॉ० मनोज यादव, पंकज पाठक, राजेश श्रीवास्तव सहित कई लोग शामिल रहे।