जिला प्रशासन ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी जाने की नहीं दी अनुमति, अलर्ट मोड पर प्रशासन
ज्योतिष और द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को जिला प्रशासन ने ज्ञानवापी जाकर सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के पूजा अर्चना की अनुमति नहीं दी है. उधर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि वह जलमार्ग से ललिताघाट जाएंगे और प्रगट हुए शिव की आराधना करेंगे.
वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के दर्शन - पूजन की घोषणा के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। उधर ज्योतिष और द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है की शनिवार 4 जून की सुबह साढ़े 8 बजे 71 लोगों के साथ नियमित पूजा, आरती, भोगराग के लिए जल मार्ग से केदारघाट से ललिताघाट पहुंचेंगे और वहां से गंगा जल कलशों में भरकर प्रकट हुए शिवलिंग तक जाएंगे। हालांकि इसकी अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी है। शुक्रवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने श्री विद्या मठ पहुंचकर इसकी जानकारी दे दी है।
मामला कोर्ट में विचाराधीन, नहीं दी जा सकती अनुमति
डीसीपी काशी जोन आर. एस. गौतम का कहना है की स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती के द्वारा ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार सनातनी हिन्दू पद्धति के अनुसार पूजन-अर्चन-राग-भोग अविछिन्न रूप से सतत् होते रहने की मांग की गई है। इस संबंध में विभिन्न स्रोतों से जानकारी की गयी एवं संबंधित से आख्या प्राप्त की गयी तथा अभिलेखों का अवलोकन किया गया, जिससे स्पष्ट हुआ की जिस स्थल पर नियमित पूजा अर्चना एवं राग-भोग किये जाने की अनुमति मांगी जा रही है । उस परिसर के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, जनपदीय न्यायालय, सिविल सीनियर डिविजन के यहाँ वाद विचाराधीन है और उस स्थल को माननीय न्यायालय के आदेश से सील किया गया है तथा सीआरपीएफ की सुरक्षा घेरे में है ।
इस परिस्थितियों के दृष्टिगत शांति व कानून व्यवस्था के कारण अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके बावजूद भी यदि कोई कानून का उल्लंघन एवं शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करता है, तो उसके विरूद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी ।
एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि माहौल की नजाकत को भांपते हुए खुफिया विभाग सहित स्थानीय पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। उच्च अधिकारियों से मिले दिशानिर्देश का हर हाल में पालन कराया जाएगा। किसी को भी कानून व्यवस्था हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।