वाराणसी में बनेगा देश का सबसे चौड़ा रेल-रोड पुल : केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, आगामी काशी दौरे पर PM कर सकते है शिलान्यास

महादेव की नगरी काशी में गंगा नदी पर भारत का सबसे चौड़ा रेल और रोड पुल का निर्माण होने जा रहा है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है.

वाराणसी में बनेगा देश का सबसे चौड़ा रेल-रोड पुल : केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, आगामी काशी दौरे पर PM कर सकते है शिलान्यास

वाराणसी, भदैनी मिरर। महादेव की नगरी काशी में गंगा नदी पर भारत का सबसे चौड़ा रेल और रोड पुल का निर्माण होने जा रहा है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. 137 साल पुराने मालवीय पुल के समानांतर बनने वाले इस पुल पर ऊपर छह लेन की सड़क और नीचे चार लाइन का रेलवे ट्रैक होगा. प्रधानमंत्री मोदी आगामी 20 अक्टूबर को वाराणसी दौरे के दौरान इस पुल का शिलान्यास भी कर सकते हैं.

प्रजेंटेशन के दौरान बताया गया कि यह सिग्नेचर ब्रिज मालवीय पुल से 50 मीटर की दूरी पर बनेगा और इससे वाराणसी, चंदौली, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच बेहतर कनेक्टिविटी होगी. चारों दिशाओं में परिवहन को गति मिलेगी.यह पुल उत्तर प्रदेश से बिहार और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के बीच रेल और सड़क यात्रा को सुगम और किफायती बनाएगा.

चार साल में होगा निर्माण कार्य पूरा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रजेंटेशन के दौरान बताया कि इस पुल का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी अंतिम रूप ले चुका है. रेल और सड़क यातायात को ध्यान में रखते हुए चार लेन का रेलवे ट्रैक और छह लेन की सड़क का ब्लूप्रिंट तैयार है.उन्होंने कहा कि इस सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

एक किलोमीटर से अधिक लंबाई का होगा पुल

यह पुल काशी रेलवे स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार के नजदीक होगा. नमो घाट के समीप स्थित इस पुल के लिए जल, सड़क और वायु मार्ग के भौगोलिक परीक्षण पूरे हो चुके हैं. पुल की कुल लंबाई एक किलोमीटर से अधिक होगी.

150 साल की स्थिरता के साथ डिजाइन किया गया पुल

सिग्नेचर ब्रिज का डिजाइन 150 साल तक स्थिर रहने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. इसका फाउंडेशन नदी की सतह से 120 फीट गहराई में होगी, जिसके ऊपर पीलर और ब्रिज का निर्माण किया जाएगा.