निभाई परम्परा: यादव बंधुओं ने किया बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक, 89 साल की निभाई परंपरा, जाने क्या है मान्यता...

निभाई परम्परा: यादव बंधुओं ने किया बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक, 89 साल की निभाई परंपरा, जाने क्या है मान्यता...

वाराणसी, भदैनी मिरर। सावन के पहले सोमवार को 89 साल की परंपरा का निर्वहन करते हुए काशी के यादव बंधुओं ने श्रीकाशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। चंद्रवंशी गोप समिति के अध्यक्ष लालजी यादव के नेतृत्व में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए 11 यदुवंशियों ने बाबा विश्वनाथ सहित 09 अन्य शिवालयों में जलाभिषेक किया।

11 सदस्यों ने पीतल की ध्वजा और डमरू की नाद के बीच बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। लाल जी यादव ने बताया कि इस वर्ष भी कोरोना गाइड लाइन के अनुपालन में हम बाबा का जलाभिषेक किया। हमारी मनोकामना है कि पूरी धरती से ये कोरोना नामक बिमारी ख़त्म हो जाए।बाबा विश्वनाथ के प्रांगण में पहुंचे यदुवंशियों ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश किया। बाबा का जलाभिषेक करके देश से कोरोना मुक्ति की कामना की। साल 1932 से शुरू हुई यह परंपरा चलती आ रही है। 


यहां से शुरू हुई यात्रा


जलाभिषेक की यात्रा गौरी केदारेश्वर से शुरू हुई। यादव बंधु सबसे पहले गौरी केदारेश्वर महादेव वहां से तिलभांडेश्वर, शीतला माता, आल्हादेश्वर पर जलाभिषेक कर शीतला घाट से जलभर कर श्रीकाशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया वहां से अन्य शिवालयों के लिए रवाना हुए।


इसलिए पहला सोमवार


समिति के लालजी यादव ने बताया कि, सावन के पहले सोमवार को यादवों के जलाभिषेक की परंपरा 1932 में शुरू हुई थी। बताया, भारत मे उस वर्ष भीषण अकाल पड़ा था। अकाल से राहत के लिए सावन माह के प्रथम सोमवार को काशी के भोला सरदार और चुन्नी सरदार ने यादव बंधुओं के साथ बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया था। इसके बाद महादेव ने प्रसन्न होकर बारिश कराया। इसके बाद देश से अकाल समाप्त हुआ। इसी परंपरा का निर्वहन हर वर्ष किया जाता है।