वैदिक काल से चली आ रही परम्परा, स्वामी प्रखर महाराज बोले यज्ञ से होता है सकारात्मक ऊर्जा का संचार...
Swami Prakhar Maharaj said that the tradition coming from the Vedic period positive energy is transmitted through the Yagyaवैदिक काल से चली आ रही परम्परा, स्वामी प्रखर महाराज बोले यज्ञ से होता है सकारात्मक ऊर्जा का संचार...
वाराणसी,भदैनी मिरर। सनातन धर्म में वैदिक काल से यज्ञ की परंपरा चली आ रही है। धर्म ग्रंथों में मनोकामना पूर्ति या किसी बुरी घटना को टालने के लिए यज्ञ करने के कई प्रसंग मिलते हैं। उक्त बातें महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर जी महाराज ने काशी के केदार खण्ड में पड़ने वाले शंकुलधारा स्थित द्वारिकाधीश मंदिर में चल रहे 51 दिवसीय विराट श्री लक्षचण्डी महायज्ञ के पांचवें दिन कही। स्वामी जी ने बताया कि रामायण व महाभारत में ऐसे अनेक राजाओं का वर्णन मिलता है, जिन्होंने अनेक महान यज्ञ किए है। देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी यज्ञ किए जाने की परंपरा है। इसी परंपरा को निमित्त वैश्विक महामारी कोरोना से मुक्ति हेतु प्रभु द्वारिकाधीश की इस पावन भूमि पर इस महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यज्ञ से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, इस सकारात्मक ऊर्जा में कोरोना का शमूल नाश हो यही कामना है।
भगवान प्रथमेश के पूजन अर्चन के साथ ही दुर्गाशप्तशती का पूजन अर्चन किया गया। साथ ही 250 विद्वान ब्राह्मणों शंकुलधारा पोखरे में जेटी पर बैठकर प्रातःकालीन संध्यावंदन के उपरांत दुर्गाशप्तशती पाठ का वाचन हुआ। मुख्य आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में सुनील दीक्षित सहित अन्य आचार्यों ने मुख्य यजमानों द्वारा दैनिक पूजन अर्चन के बाद महायज्ञ में दुर्गाशप्तशती के श्लोकों से आहुतियां दिलवायीं।
प्रखर जी महाराज के शिष्य स्वामी पूर्णानन्दपुरी जी ने महायज्ञ में आने वाले भक्तों से मनोकामना की पूर्ति करने के लिए यज्ञशाला की परिक्रमा के बारे में जानकारी दी। महायज्ञ के उपरांत नित्यप्रतिदिन मां गंगा आरती पर आधारित यज्ञ परिसर में विराजमान मां भगवती दुर्गा की महाआरती हुई जिसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने माँ भगवती का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर आचार्य गौरव शास्त्री,आत्मबोधप्रकाश ब्रह्मचारी,चंदन सिंह,गोलू सिंह,अमित पसारी ,दिशा पसारी ,तनीषा अरोड़ा ,गौरव तिवारी, अंकित अग्निहोत्री, कुलदीप तिवारी सहित सैकड़ो भक्तों ने अपनी सेवा दे रहे है।