वाराणसी कचहरी में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने 50 साल वकालत कर चुके एडवोकेटों को किया सम्मानित, जाने क्या बोले जस्टिस...
दी बनारस बार एसोसिएशन और दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.
वाराणसी,भदैनी मिरर। दी बनारस बार एसोसिएशन और दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सिविल कोर्ट में वकालत के 50 वर्ष पूरे कर चुके अधिवक्ताओं का माल्यार्पण कर व उन्हे अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया. इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. केएल चंदानी के पुत्र और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एडवोकेट उदय चंदानी द्वारा दी बनारस बार एसोसिएशन की लाइब्रेरी को कानून की किताबें भेंट की गई. कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. गौतम चौधरी, शेखर यादव व उमेश चंद्र शर्मा के साथ ही जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश मौजूद रहें. इस अवसर पर समारोह में कानून से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी ने कहा की न्यायिक अधिकारी के फैसलों से हमेशा न्याय होता है. चाहे पक्ष को मिले या विपक्ष को मिले. न्याय मिलता जरूर है. ऐसे में यह कहना उचित नहीं कि न्यायिक अधिकारी रिलीफ नही दे रहे हैं. न्यायिक अधिकारी वाद के तथ्यों, अपने ज्ञान और विवेक के आधार पर निर्णय देते हैं. उन पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का कोई दबाव नहीं रहता है.
वाराणसी की सिविल कोर्ट में बैठने की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि जब परिवार का कुनबा बढ़ता है, तब उसी पुश्तैनी मकान में रहता है या क्या करता है. यह आपको सोचना होगा। स्थिति यह है कि नई कचहरी के लिए एक बार 10 करोड़ रुपए आवंटित हो गए थे. उसके बावजूद आप सभी के विरोध से काम आगे नहीं बढ़ सका. स्थिति यह है कि इमरजेंसी हालात में फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस के भी परिसर में आने में दिक्कत है. मॉडर्न चैंबर और बिल्डिंग समेत आधुनिक सुविधाओं की जरूरत है. इसके क्रियान्वयन में सहयोग करना होगा.
कार्यक्रम का संचालन बनारस बार के महामंत्री रत्नेश्वर पांडेय ने किया. समारोह में अधिवक्ता अनुज यादव और विवेक सिंह ने मुख्य अतिथि व न्यायमूर्ति यूसी शर्मा को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. सम्मान पाने से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिभूत और गदगद दिखे. उन्होंने कहा कि वर्षों की वकालत के बाद जो सम्मान मिला है उसे शब्दो में नही व्यक्त किया जा सकता. सभी ने अतिथियों और दोनों बार एसोसिएशन का आभार जताया.