शिया-सुन्नी बवाल: UP बुनकर कल्याण समिति ने पुलिस पर लगाया आरोप, घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग...

शिया- सुन्नी विवाद को लेकर सुन्नी समुदाय की ओर से उ. प्र. बुनकर कल्याण समिति के अध्यक्ष शमीम अंसारी एवं अब्दुल मोमिन अंसारी ने पहली बार बुधवार को पराडकर भवन मे संयुक्त पत्रकारवार्ता अपना पक्ष रखा.

शिया-सुन्नी बवाल: UP बुनकर कल्याण समिति ने पुलिस पर लगाया आरोप, घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग...

वाराणसी, भदैनी मिरर। दोषीपुरा में मोहर्रम के जुलूस के दौरान हुई शिया- सुन्नी विवाद को लेकर सुन्नी समुदाय की ओर से उ. प्र. बुनकर कल्याण समिति के अध्यक्ष शमीम अंसारी एवं अब्दुल मोमिन अंसारी ने पहली बार बुधवार को पराडकर भवन मे संयुक्त पत्रकारवार्ता अपना पक्ष रखा. कहा की सुन्नी समुदाय के लोग परंपरा के अनुसार ताजिया को नक्खीघाट, शक्कर तलाब नवापुरा, दोषीपुरा से होकर कर्बला लाट सरैया ले जा रही थी. उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाकर दर्ज निर्दोष लोगों से एफआईआर वापस लेने की मांग की. 

शिया समुदाय ने रोका रास्ता


शमीम अंसारी एवं अब्दुल मोमिन अंसारी ने आरोप लगाया की जबरदस्ती शिया समुदाय द्वारा दोषीपुरा में रास्ता रोकने का प्रयास किया गया. रास्ता न मिलने के कारण सुन्नी समुदाय के लोग ताजिया दोषीपुरा मैदान के पास जमीन पर रखकर रास्ता देने की मांग कर रहे थे जोकि परंपरागत रास्ता पूर्व से यही रहा है. मगर शिया समुदाय द्वारा जबरदस्ती रास्ता रोकने का प्रयास किया गया जिसकी सूचना अन्य शहर के ताजियादारों को हुई जो काजी सादुल्लाह पूरा बड़ी बाजार आदि क्षेत्र की ताजिया थी वह सब बड़ी बाजार में ही रूक गई. उधर से उन ताजियादारों के लोग दोषीपुरा की तरफ तेजी से आए. यह देखकर शिया समुदाय के लोगों द्वारा पत्थर चलाना शुरु कर दिया.


पुलिस की लापरवाही से हुई बड़ी घटना

प्रेसवार्ता में आरोप लगाया की विवाद  प्रभारी निरीक्षक जैतपुरा की उपस्थिति में शुरु हुआ. उनकी मौजूदगी में ही घटना शुरू हुई और उनकी लापरवाही के कारण दोनों तरफ से पत्थरबाजी शुरु हुई. आरोप लगाया की शिया समुदाय के लोगों द्वारा साजिशन बेगुनाह दोषीपुरा के लोगों पर गंभीर मुकदमा लिखवाया गया. सुन्नी समुदाय के लोगों का कहना है की पुलिस की गाड़ी पुलिस के सामने क्षतिग्रस्त हुई जिसका साक्ष्य के रूप मे वीडियो मौजूद है. आरोप लगाया की इस प्रकरण में पुलिस के द्वारा शिया समुदाय की कंप्लेन पर जो मुकदमा दर्ज किया गया वह सरासर गलत है. प्रशासन से मांग किया की प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और निर्दोष लोगों पर से एफआईआर वापस ली जाए.