सत्या फाउंडेशन ने चलाया ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ चलाया जागरूकता अभियान, विद्यार्थियों ने ली डी.जे. और पटाखों के बहिष्कार की शपथ

ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली संस्था 'सत्या फाउंडेशन' ने मंगलवार को केंद्रीय विद्यालय कंचनपुर (बरेका) और संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल, गिलट बाजार में ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया

सत्या फाउंडेशन ने चलाया ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ चलाया जागरूकता अभियान, विद्यार्थियों ने ली डी.जे. और पटाखों के बहिष्कार की शपथ

वाराणसी, भदैनी मिरर। ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली संस्था 'सत्या फाउंडेशन' ने मंगलवार को केंद्रीय विद्यालय कंचनपुर (बरेका) और संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल, गिलट बाजार में ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया. संस्था ने विद्यार्थियों को धार्मिक पर्वों और उत्सवों के दौरान डी.जे. और पटाखों के खतरों की जानकारी देते हुए इसका पूरी तरह से बहिष्कार करने की शपथ दिलाई.

इस असवर पर केंद्रीय विद्यालय कंचनपुर में 'सत्या फाउंडेशन' के सचिव चेतन उपाध्याय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी परंपरा देश के कानून से ऊपर नहीं है. उत्सव मनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारी खुशियों से किसी अन्य व्यक्ति को तकलीफ न हो। उन्होंने कानून का हवाला देते हुए बताया कि साइलेंस जोन जैसे स्कूल, अस्पताल, उपासना स्थल, और कोर्ट के 100 मीटर के दायरे में ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले उपकरणों का प्रयोग प्रतिबंधित है.

विशिष्ट वक्ता ज्योतिषाचार्य मनीष दुबे ने दीपावली के दौरान पटाखों से बचने और मिट्टी के दीयों का प्रयोग करने की अपील की. विद्यार्थियों ने हाथ उठाकर शपथ ली कि वे किसी भी धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम में डी.जे. और पटाखों का उपयोग नहीं करेंगे और लोगों को भी इस बारे में जागरूक करेंगे.

वहीं दोपहर में आयोजित कार्यक्रम में चेतन उपाध्याय ने संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल के विद्यार्थियों को ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दीपावली खुशियों का त्योहार है, इसे शोर और प्रदूषण से नहीं बिगाड़ना चाहिए. उन्होंने बताया कि आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं और तेज आवाज अस्थमा के मरीजों के लिए घातक है और जानवरों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.

इस मौके पर ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. कर्मराज सिंह ने अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हुए बच्चों के साथ एक लघु नाटक प्रस्तुत किया. नाटक के जरिए बच्चों को यह महसूस कराया गया कि डी.जे. और पटाखों के बहिष्कार में समाज का हित है. कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वे डी.जे. और पटाखों के खिलाफ अपने घर और आसपास के लोगों को जागरूक करेंगे और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी करेंगे.

कार्यक्रम में प्रधानाचार्या अमिता सिंह, प्रभारी अरुण कुमार सिंह और सचिव राहुल सिंह भी उपस्थित थे.