ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण की शुरु हुई नियमित सुनवाई, हिंदू पक्ष ने कही यह बात, 29 सितंबर को मसाजिद कमेटी रखेगी पक्ष...
ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में पोषणीयता पर फैसला आने के बाद जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में 22 सितंबर से नियमित सुनवाई शुरू हुई.
वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में पोषणीयता पर फैसला आने के बाद जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में 22 सितंबर से नियमित सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट रुम में कुल 42 लोग मौजूद रहे.
प्रकरण में वादिनी हिंदू महिलाओं की ओर से जिला जज वाराणसी की अदालत में सीआरपीसी की 1/10 के तहत पक्षकार बनने के लिए डाले गए आवेदन को खारिज करने के लिए अपील की गई. इसके अलावा एएसआई सर्वे (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) एवं कार्बन डेटिंग कराने की मांग वाली याचिका दाख़िल किया. अदालत ने आज तकरीबन 45 मिनट तक अलग-अलग पक्षों को सुनने के बाद केस की सुनवाई की अगली डेट 29 सितंबर फिक्स की है.
सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर में नहीं है ट्रायल स्टे की बात
मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओं के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से कोर्ट में एप्लिकेशन दी गई थी कि मुकदमे की सुनवाई 8 हफ्ते बाद हो। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि श्रृंगार गौरी केस में जिला जज के आदेश से कोई पक्ष असहमत होता है तो वह उसके खिलाफ उच्च अदालत में जा सकता है। उसे इसके लिए समय मिलना चाहिए। जिला जज की कोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया है। कहा है कि बीती 20 मई का सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर स्पष्ट है। उसमें ट्रायल में स्टे की बात नहीं की गई है।
महिलाओं ने जताई आपत्ति
मां श्रृंगार गौरी केस में पार्टी बनने के लिए कोर्ट में 16 लोगों ने एप्लिकेशन दिया था। उनमें से मात्र 9 लोग उपस्थित थे। एक एप्लिकेशन वापस होने के बाद 8 लोगों को कोर्ट ने कहा है कि वह अपने साक्ष्य और तथ्य प्रस्तुत करें। पक्षकार बनने के लिए मांग करने वाली सभी एप्लिकेशन पर 29 सितंबर को सुनवाई कर कोर्ट अपना आदेश सुनाएगी। इस पर वादिनी महिलाओं की ओर से आपत्ति प्रस्तुत की गई है कि हमारी सहमति से ही कोई पार्टी बन सकता है अन्यथा नहीं बन सकता है। हम अकेले केस लड़ने में सक्षम हैं।
29 सितम्बर को मस्जिद कमेटी रखेगी पक्ष
ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और ASI से सर्वे की वादिनी महिलाओं की मांग पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है। 29 सितंबर को मसाजिद कमेटी अपना पक्ष दाखिल करेगी। उसके बाद कोर्ट अपना ऑर्डर सुनाएगी।