देव दीपावली को लेकर मंडलायुक्त बोले सारी रूपरेखा तैयार, जाने एक- एक कार्यक्रम के बारे में कब और कहा होगा!

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पड़ने वाले देव दीपावली पर्व के लिए आयोजित तीन गंगा महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। इसे लेकर मंडलायुक्त व प्रभारी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया की देव दीपावली का त्यौहार इस वर्ष पिछले वर्षो की अपेक्षा और भी भव्यता से मनाया जाएगा।

देव दीपावली को लेकर मंडलायुक्त बोले सारी रूपरेखा तैयार, जाने एक- एक कार्यक्रम के बारे में कब और कहा होगा!

वाराणसी,भदैनी मिरर। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पड़ने वाले देव दीपावली पर्व के लिए आयोजित तीन गंगा महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। इसे लेकर मंडलायुक्त व प्रभारी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया की देव दीपावली का त्यौहार इस वर्ष पिछले वर्षो की अपेक्षा और भी भव्यता से मनाया जाएगा। उन्होंने कहा की 2 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं देव दीपावली में आए थे, जिसके बाद से इसकी ब्रांड वैल्यू और भी बढ़ गई है, यह एक नए प्लेटफार्म पर पहुंच चुका है। जिसे देखते हुए इस बार पिछली बार से भी अधिक भव्य कार्यक्रम किए जाएंगे। 

होगा तीन दिवसीय गंगा महोत्सव

मंडलायुक्त ने बताया की 5 नवंबर यानी कल से तीन दिवसीय गंगा महोत्सव शुरू होकर लगातार तीन दिन यानी 7 नवंबर तक चलेगा जिसमें विश्व प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। साथ ही गंगा आरती की व्यवस्था भी और दुरुस्त की गई है। गंगा आरती को देखने श्रद्धालुओं की अधिक से अधिक बैठने की व्यवस्था की गई है। अतिथियों को ले आने और ले जाने के लिए घाटों से नावों की व्यवस्था की गई है।

नए तरीके से प्रस्तुत होगा लाइट एंड साउंड शो

मंडलायुक्त ने बताया की इस बार लाइट एंड साउंड शो में कुछ नए एडिशन कराए गए हैं।  लेजर के साथ हर साल एलइडी स्क्रीन पर लाइट शो होता था।। लेकिन इस बार असली कलाकार परफॉर्म कर अपनी सीरीज बना रहे हैं। इन सीरीज को साउंड एंड लाइट शो के माध्यम से दीवारों पर प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही आतिशबाजी और भी भव्य तरीके से होगी। 

लोकेशन हो चुके हैं फाइनल

प्रभारी जिलाधिकारी ने बताया की सभी कार्यक्रम के लिए लोकेशन फाइनल किया जा चुका है। लाइट एंड साउंड शो चेतसिंह घाट पर होगा, आतिशबाजी विश्वनाथ मंदिर के सामने होगी और आरतियां अपने-अपने घाटों पर पारंपरिक तरीके से की जाएगी। साथ ही राजघाट पर बनाए गए मंच पर कार्यक्रम चलेगा।

जनता से की अपील

प्रभारी जिलाधिकारी ने बताया कि यह जनता का त्यौहार है और इसे जनता मनाती है इसलिए जनता से अपील की गई है कि वह अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों को भी जैसे दिवाली पर दीयों से और लाइटों से सजाते हैं वैसे ही देव दीपावली की सजावट करें। सरकारी भवनों को भी सजाएं, ताकि शहर में आने वाले पर्यटकों के समक्ष अच्छी छवि जा सके और आने वाले  दिनों में यह त्योहार पर्यटन के माध्यम से और भी विकसित हो सके। 


इसलिए घोषित हुआ है एक दिवसीय अवकाश

मंडलायुक्त ने बताया की देव दीपावली पर हर साल समितियों 10 लाख दीए दिए जाते हैं। ताकि घाटों की सजावट हो सके। इस बार चंद्रग्रहण की वजह से देव दीपावली 1 दिन पूर्व मनाई जा रही है इसलिए स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। ताकि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अधिक से अधिक दिए लगाने में मदद कर सकें। सभी सरकारी अधिकारियों को भी इसके माध्यम से अधिक से अधिक जनता को प्रेरित करने के लिए कहा गया है। साथ ही स्कूल बंद रखने के लिए कहा गया है ताकि स्कूल बसें नहीं चलेगी तो ट्रैफिक काम होगा और लोग बिना किसी परेशानी के एक जगह से दूसरी जगह पहुंच सकेंगे।

भीड़ नियंत्रण पर सबसे अधिक है फोकस

मंडलायुक्त ने बताया की इस बार भीड़ नियंत्रण को लेकर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है। क्योंकि देश में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीके से भीड़ की वजह से कई सारी दुर्घटनाएं हो चुकी है। जिसे देखते हुए भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था दुरुस्त की गई है। इसके लिए अधिक से अधिक संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। सभी पुलों पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, साथ ही लाउड हेलर गाड़ियों के माध्यम से भी भीड़ नियंत्रण के लिए जनता को प्रेरित किया जायेगा। घाटों पर भी समितियों से अपील की गई है कि वह अधिक से अधिक वॉलिंटियर्स लगाएं। साथ ही सिविल डिफेंस,  रेड क्रॉस को भी वैलेंटियर्स लगाने के लिए अनुरोध किया गया है। साथ ही  ज्यादा से ज्यादा लोग की घाटों के रास्ते जाने वाले गलियों में ड्यूटी लगाई गई है, ताकि गलियों में अधिक भीड़ हो तो लोगों को दूसरी तरफ डायवर्ट किया जा सके।

मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक कंट्रोल की के लिए पार्किंग की अधिक से अधिक व्यवस्था की गई है। कई सारे ऐसे बड़े रास्ते हैं जो घाट को कनेक्ट करते हैं।  वहां पर पर्यटन विभाग के पैसों से सहायता केंद्र की व्यवस्था की गई है।  चिकित्सा व्यवस्था की गई है।  एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड भी रखे गए हैं। साथ ही रोज-रोज समितियों से बैठक कर कोऑर्डिनेट किया जा रहा है। 


बोटिंग पॉइंट्स पर भी तैनात रहेंगे पुलिसकर्मी

मंडलायुक्त ने बताया की देखा जाए तो इस पर्व पर लोग नाव से ही कार्यक्रम देखते है इसलिए सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं नौका संचालन के दौरान होती है। इसलिए इस बार नावों को अलग अलग केटेगरी में रखा गया है। जो नाव मछली मारने के लिए इस्तेमाल होते हैं, उन्हें लोगों को बैठाने के लिए इस्तेमाल न किया जाए। इसके लिए कुछ वॉलिंटियर्स लगाएं गए हैं जो उन्हें चिन्हांकित करेंगे। क्षमता से अधिक लोग नाव में ना बैठे इसके लिए बोटिंग प्वाइंट पर पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। नदी के उस पार भी बोटिंग होने लगी है। इसलिए वहां पर भी अतिरिक्त पुलिस लगाई गई है। 

साथ ही नदी के बीचो-बीच डिवाइडर की भी व्यवस्था की गई है ताकि आने और जाने का मार्ग अलग-अलग रहे, नावे आपस में न टकराए।

इसके साथ ही नाविकों को भी बैठक में चेतावनी दी गई है कि वह छोटे बच्चों जिन्हें नाव ना चलाने आता है उनसे नाव ना चलवाएं। अन्यथा किसी भी दुर्घटना से पूरा कार्यक्रम खराब हो जाएगा।  इसके साथ ही एनडीआरएफ के एक्स्ट्रा बोट भी लगाए गए हैं।  एंबुलेंस बोट।  की व्यवस्था की गई है। छोटे जोन में भी जल पुलिस लगाई गई है।


हर हिंदू त्योहार पर सजे काशी विश्वनाथ मंदिर

मंडलायुक्त ने बताया की जो भी श्रद्धालु काशी आते हैं वह काशी विश्वनाथ मंदिर भी जरूर जाते हैं। इसलिए इस बार विश्वनाथ मंदिर की भी भव्य सजावट की गई है। मंदिर की सजावट के लिए विशाखापट्टनम के डेकोरेटर को बुलाया गया है। 80 लाख के खर्च से मंदिर की भव्य सजावट होगी। ताकि आने वाले बाहरी श्रद्धालुओं और वीवीआइपी के समक्ष इसकी अच्छी छवि जाए। हमारा प्रयास है कि हर बड़े हिंदू त्योहारों पर भी मंदिर की ऐसी ही भव्य सजावट हो।