BHU में बोले पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ - 2014 में एकजुट होकर सनातनी शक्तियों ने किया वोट, जाने क्यों बोले सनातनियों ने अपनी ताकत को पहचाना...
राष्ट्रवादी चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ रविवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में आयोजित 'भारतीय परंपरा में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा' कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे.
वाराणसी, भदैनी मिरर। राष्ट्रवादी चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ रविवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में आयोजित 'भारतीय परंपरा में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा' कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा की देश से बड़ा राष्ट्र होता है. देश सीमा के अंदर होता है, और राष्ट्र की कोई सीमा नही होती. जो राष्ट्र देश पर, सत्ता पर, व्यवस्था पर निर्भर हो जाता है उसका पतन होता है. राष्ट्र की शक्ति इतनी ताकतवर होती है, की सत्ताएं उसके सामने बौनी होती है. मेरा मानना है सनातनी शक्तियां जिस दिन भी सामूहिक प्रदर्शन करेंगी दुनिया की हर शक्ति आपके सामने झुकेगी.
इस्लामिक जिहादियों ने मस्जिद में छुपाया बाबा विश्वनाथ को
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा की लोग कहते हैं 2014 में हिंदूवादी नेता आ गया. मेरा आज भी यह मानना है कि 2014 के पहले भारत के जनमानस ने जब भी सत्ताओं को चुना तो किसी के लिए यादव जरूरी था, तो किसी के लिए बनिया, किसी के लिए ब्राम्हण तो किसी के लिए आगड़ा या पिछड़ा था. 2014 के बाद सनातन समाज ने सनातनी होकर वोट दिया।.'' जब सनातनी शक्तियां एक होकर वोट दी तो बाबा विश्वनाथ का भव्य मंदिर और साढ़े चार सौ साल पहले इस्लामिक शक्तियां जिन्होंने बाबा विश्वनाथ की मंदिर को छुपाकर मस्जिद का निर्माण करवाया था आज उसकी भी चर्चा हो रही है, आज उज्जैन की चर्चा हो रही है। आज सरदार पटेल की मूर्ति लग रही है और नाम दिया जा रहा है 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' और उसी तरह इंडिया गेट पर सुभाषचंद्र बोस की जो मूर्ति लग रही है उसको नाम दिया जा रहा है ' स्टैच्यू ऑफ डिग्निटी' आपने सत्ता चुनने में थोड़ा सा सुधार किया तो आज दुनिया आपकी ओर देख रही है।
न्यायपालिका तक की बदली व्यवस्थाएं
उन्होंने कहा की देश में हजारों पार्टियां चुनाव लड़े लेकिन जो ज्यादा से ज्यादा सनातनियों को टिकट दें वही पार्टी जीते. आज सभी पार्टियां हिंदुत्व की बात कर रही है क्योंकि कई सौ सालों में सनातनियों ने अपनी ताकत को पहचाना है की वह है कौन? उन्होंने कहा कि जो न्यायपालिका भगवान राम पर ऐसी पिटीशन एक्सेप्ट कर ले रही थी, जिसमें यह कहा जाता था कि वह काल्पनिक हैं. वही न्याय व्यवस्था अब चिल्ला-चिल्ला कर कह रही है कि 40 दिन में फैसला देंगे. नई व्यवस्था देश के अंदर बहुत सारे ऐसे काम कर रही है, जिसकी आपने कल्पना नहीं की थी.