प्रो. ओमशंकर ने सर्जरी की फीस बढ़ाने के मामले पर BHU प्रशासन के निर्णय पर उठाया सवाल, कहा- दोबारा करेंगे विरोध  

आईएमएस बीएचयू के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर ने आईएमएस के विभागों में हो रही नियुक्तियों और प्रमोशन पर सवाल खड़ा किया इसके खिलाफ दोबारा विरोध करने की बात कही है.

प्रो. ओमशंकर ने सर्जरी की फीस बढ़ाने के मामले पर BHU प्रशासन के निर्णय पर उठाया सवाल, कहा- दोबारा करेंगे विरोध  

वाराणसी, भदैनी मिरर। आईएमएस बीएचयू के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर ने आईएमएस के विभागों में हो रही नियुक्तियों और प्रमोशन पर सवाल खड़ा किया इसके खिलाफ दोबारा विरोध करने की बात कही है. हृदय रोग विभाग में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा, कि बिना कार्य परिषद की स्वीकृति के कुलपति अपने कार्यकाल में जो भी नियुक्तियां कर रहे हैं, वह नियमों के विपरीत हैं.

प्रोफेसर ओमशंकर ने कहा कि जहां तक हृदय रोग विभाग अध्यक्ष पद से हटाने का सवाल है तो 24 मई, 2024 को आईएमएस बीएचयू प्रशासन ने उन्हें पद से हटाया था, जिसमें विभाग में मौजूद न रहने का हवाला दिया गया था, जबकि सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में बेड बढ़ाने समेत अन्य समस्याओं को लेकर वह विभाग में अनशन चल रहा था और तो और बीएचयू प्रशासन ने ही सीसीटीवी कैमरा लगवाने के साथ ही सुरक्षाकर्मियों को भी विभाग में बिठाया था, जिससे कि अनशन के बारे में सही जानकारी मिल सके.

55 दिन और बढ़ाया जाए कार्यकाल 

उन्होंने आगे कहा कि, इसके बाद बीएचयू प्रशासन ने फिर मुझे 18 जुलाई 2024 को दोबारा नियुक्त कर दिया है. अब सवाल यह है कि अगर मैं गलत था तो मुझे दोबारा बीएचयू प्रशासन ने क्यों नियुक्त किया, ऐसे में नियमानुसार 55 दिन मेरा कार्यकाल और होना चाहिए। इसके लिए मैंने एक पत्र भी बीएचयू प्रशासन को लिख दिया है.

प्रोफेसर ओमशंकर ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीएचयू अस्पताल में कैंसर के मरीजों के जांच इलाज के साथ ही सर्जरी की फीस बढ़ाने का मामला भी प्रमुखता से उठाया. कहा कि जब उनकी बीएचयू में नियुक्ति हुई थी तब अस्पताल का बजट केवल 2 करोड़ था और मरीजों कई सुविधा निशुल्क मिल रही थी. अब 200 करोड़ रुपये हो गए हैं, अचानक ऐसा क्या हो गया कि बीएचयू प्रशासन को जांच, इलाज सर्जरी की फीस बढ़ानी पड़ रही है. उन्होंने इसमें भी नियमों को दरकिनार करने का ही आरोप लगाते हुए इस पर मरीजों के हित में निर्णय लेने की बात कही है.