प्रियंका गांधी ने नीट परिणाम में हुई अनियमितताओं को लेकर मोदी सरकार को घेरा, की जांच की मांग
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का परिणाम जारी होने के बाद से ही चर्चा में बना हुआ है. इस वर्ष करीबन 24 लाख अभ्यर्थी नीट परीक्षा में शामिल हुए थे. लेकिन वही इस परीक्षा पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी नीट मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर होने वाली गड़बड़ियों पर मोदी सरकार को घेरा है.
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का परिणाम जारी होने के बाद से ही चर्चा में बना हुआ है. इस वर्ष करीबन 24 लाख अभ्यर्थी नीट परीक्षा में शामिल हुए थे. लेकिन वही इस परीक्षा पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी नीट मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर होने वाली गड़बड़ियों पर मोदी सरकार को घेरा है.
प्रियंका गांधी ने कहा कि कई अभ्यर्थियों ने शिकायत की है, इन शिकायतों की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र नीट परीक्षा परिणामों में हुई धांधली से जुड़े सवालों के जवाब चाहते हैं? उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी लगातार इसको लेकर शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायतों उनके सवालों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छात्रों की शिकायतें वैध हैं, उनकी शिकायतों पर जांच होनी चाहिए.
प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पहली बार नीट के प्रश्नपत्र के लीक होन पर सवाल उठा रहे हैं. एक ही परीक्षा केंद्र के छह परीक्षार्थियों ने 720 में से 720 अंक मिलने पर सवाल उठाया है, जिस पर अभ्यर्थियों ने अनियमितता का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा कि कई रिपोर्ट हैं, जिनमें यह सामने आया है कि काफी सारे अभ्यर्थियों ने परिणाम जारी होने के बाद आत्महत्या की है. यह सूचना बहुत ही दुखद और चौंकाने वाली है.
उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार लाखों विद्यार्थियों की आवाज को अनसुना क्यों कर रहे हैं? छात्र परीक्षा में हुई धांधली पर उठे सवालों का जवाब चाहते हैं? उन्होंने यह भी कहा कि क्या छात्रों की शिकायतों की जांच करना करना, छात्रों की समस्याओं का समाधान करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है?
बता दें कि, नीट मेडिकल प्रवेश परीक्षा के अभ्यर्थियों ने अंकों में बढ़ोत्तरी करने का आरोप लगाया है. आरोप है कि कई अभ्यर्थियों के अंको में बढ़ोत्तरी के कारण रिकॉर्ड 67 अभ्यर्थियों ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है. वहीं छात्रों के आरोप के बाद राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने किसी भी अनियमितता से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय गंवाने के लिए ग्रेस मार्क्स छात्रों के अधिक अंक लाने के कुछ कारण हैं.