सावन की तैयारी: होगा बाबा का पांच विशेष श्रृंगार, आरतियों और धार्मिक अनुष्ठानों के शुल्क बढ़े, जाने क्या है खास निर्देश...
वाराणसी,भदैनी मिरर। बाबा भोलेनाथ का अतिप्रिय महीना सावन रविवार से शुरू हो रहा है। 26 जुलाई को पहला सोमवार पड़ रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन करने आने वाले भक्तों को कोई असुविधा न हो इसको लेकर मंदिर प्रशासन कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता । बाबा के दर्शन करने आने वाले भक्तों को कारिडोर चौक होते गर्भगृह में प्रवेश मिलेगा। प्रत्येक सोमवार को झांकी दर्शन होंगे।
सावन के पांच सोमवार होगा विशेष श्रृंगार
सावन के प्रत्येक सोमवार को बाबा का विशेष श्रृंगार-आरती होता है। यह विशेष श्रृंगार अलग-अलग स्वरूपों में प्रत्येक सोमवार को संध्या भोग आरती के दौरान होता है और रात्रि मंगला आरती तक भक्त दर्शन-पूजन करते हैं। 26 जलाई पहले सोमवार को शिव श्रृंगार, दो अगस्त द्वितीय सोमवार को शिव-पार्वती श्रृंगार, नौ अगस्त तृतीय सोमवार को अर्द्धनारीश्वर और 16 अगस्त चौथे सोमवार को रुद्राक्ष शृंगार होगा। वहीं, श्रावणी पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के दिन भगवान भोलेनाथ सपरिवार झूला पर दर्शन देंगे। इस दिन शिव-पार्वती-गणेश की चल रजत प्रतिमाओं को झूला पर बैठाकर गर्भगृह में विराजमान कराया जाएगा।
सावन के आरती और धार्मिक अनुष्ठान का बढ़ा दर
भक्तों के सुलभ दर्शन हेतु श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में तैयारियां भी अंतिम चरण में है। वहीं, काशी विश्वनाथ के दर्शन और आरती के लिए श्रद्धालुओं को जेब ढीली करनी पड़ेगी। सावन के प्रत्येक दिन सामान्य दिनों के मुताबिक दुगना और सोमवार को चार गुना से अधिक शुल्क मंगला आरती देखने के लिए देना होगा। इसके अलावा रुद्राभिषेक, महारुद्र, सन्यासी भोग, महामृत्युंजय जाप के शुल्क में भी बढ़ोत्तरी की गई है।
मुख्यकार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के मुताबिक, सावन माह भर मंगला आरती के लिए 700 और प्रत्येक सोमवार को 1500 रुपये शुल्क लिया जाएगा। सामान्य दिनों में टिकट की दर 350 रुपये है।
इसके अलावा सावन भर सुगम दर्शन शुल्क 300 के बजाय 500 और सोमवार के लिए 750 रुपये किया गया है। वहीं भोग आरती, सप्तर्षि व रात्रि श्रृंगार भोग आरती का शुल्क 180 से बढ़ाकर 200 रुपये ही किया गया है। एक शास्त्री से रुद्राभिषेक 450 के स्थान पर 700 रुपये और पांच शास्त्री से 1380 के बजाय 2100 रुपये किया गया है।
श्रावण सोमवार संन्यासी भोग के लिए 7500, अखंड दीप के लिए 700, रुद्राभिषेक 20 वर्ष के लिए 25000, महामृत्युंजय जप (32 शास्त्री एक दिन) के लिए एक लाख व सात शास्त्री से पांच दिन में कराने के लिए 51 हजार रुपये मंदिर कोष में जमा करने होंगे।
ऐसे कर सकेंगे बाबा का ऑनलाइन दर्शन
मंदिर प्रबंधन द्वारा बताया गया कि जो श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं या आरती देखना चाहते हैं तो वह भी जारी किए गए वेबसाइट (https://shrikashivishwanath.org) पर विजिट कर सुगम दर्शन और आरती का टिकट, ऑनलाइन प्रसाद और गेस्ट हाउस बुक करा सकते हैं। साथ ही अन्य किसी तरह की जानकारी चाहिए तो श्रद्धालु मोबाइल नंबर 6393131608 / 7080292930 / 6393131608 पर कॉल करके बात कर सकते हैं।
मास्क पहनकर ही जाएं
बाबा का दर्शन-पूजन करने आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन हर हाल में करना होगा। मास्क पहन कर आना होगा और 2 गज की दूरी के नियम का पालन करना होगा। मंदिर की दीवारों और विग्रहों को छूने की इजाजत नहीं रहेगी। मंदिर के सीईओ ने कहा कि भक्ति के साथ श्रद्धालु कोरोना महामारी को लेकर भी अतिरिक्त सतर्कता बरतें और प्रशासन का सहयोग करें।
मंदिर आएं तो इन बातों का रखें ध्यान
श्रद्धालु कोई भी इलेक्ट्रानिक गैजेट अपने साथ लेकर न आएं।- कोई भी ज्वनलशील पदार्थ और माचिस अपनी जेब में न रखें।
- प्लास्टिक के डिब्बे में दूध या जल लेकर न आएं।
- कोई भी समस्या हो तो मंदिर में बने हेल्पडेस्क पर जाएं।
- दर्शन-पूजन के बाद सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील स्थान पर न जाएं।
- गंगा में स्नान के दौरान बैरिकेडिंग से आगे गहरे पानी में न जाएं।
- चारपहिया वाहन से गोदौलिया की ओर न आएं और मैदागिन से चौक की ओर न जाएं।
- कहीं भी कोई लावारिस सामान दिखे तो तत्काल पुलिस को बताएं।