घंटे भर बाद स्थगित दिव्यांग छात्रों का धरना पुनः जारी, विश्वविद्यालय का पक्ष- कुलपति ने समस्या के समाधान का दिया है आश्वासन...

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के दृष्टिबाधित छात्रा के साथ हुई छेड़खानी की घटना के विरोध में चल रहे कुलपति आवास के सामने पिछले 18 दिनों से धरना एक घंटे स्थगित होने के बाद पुनः जारी हो गया.

घंटे भर बाद स्थगित दिव्यांग छात्रों का धरना पुनः जारी, विश्वविद्यालय का पक्ष- कुलपति ने समस्या के समाधान का दिया है आश्वासन...

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के दृष्टिबाधित छात्रा के साथ हुई छेड़खानी की घटना के विरोध में चल रहे कुलपति आवास के सामने पिछले 18 दिनों से धरना एक घंटे स्थगित होने के बाद पुनः जारी हो गया. धरनारत छह छात्रों और विश्वविद्यालय के दिव्यांग कमेटी को कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने वार्ता करने के लिए बुलाया था. वार्ता के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिखित आश्वासन न देने पर पुनः छात्रों ने धरना जारी कर दिया. 


समस्याओं को लेकर गंभीर है विश्वविद्यालय 

उधर, विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया की कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने दिव्यांग विद्यार्थियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं व चिंताओं के समाधान का आश्वासन दिया है. कुलपति आवास पर हुई इस बैठक के दौरान 6 दिव्यांग विद्यार्थी उपस्थित थे. जिनमें पीड़ित छात्रा भी शामिल रही. कुलपति ने सभी विद्यार्धियों को आश्वस्त किया कि उनका हित व सुरक्षा विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों की ज़रूरतों व समस्याओं के प्रति विश्वविद्यालय अत्यंत गंभीर है तथा उनके निराकरण की दिशा में एक स्थायी समिति भी गठित की गई है. उन्होंने कहा कि दिव्यांग छात्र व छात्राओं की आवश्यकताओं की तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन विशेष ध्यान दे रहा है और विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास किये जा रहे हैं. इस बैठक के दौरान दिव्यांगजनों के संदर्भ में गठित स्थायी समिति के सदस्य, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा उपस्थित भी उपस्थित रहे.

हमें चाहिए लिखित आश्वासन

छात्रों की ओर से दिव्यांग छात्र अभय शर्मा और विधि संकाय के संतोष कुमार त्रिपाठी ने बताया की हमारी मांग एकदम जायज थी. पिछले कई दिनों में हम लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन से अपने स्तर पर मांग करते रहे है, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं है. यदि विश्वविद्यालय प्रशासन सच में हमारी मांग को लेकर आश्वस्त करती है तो आखिर वह लिखित क्यों नहीं दे रही? जैसे प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपना पक्ष रख रही है, वैसे ही हमारी मांगों को लेकर एडवाइजरी जारी कर दे तो हम अभी धरना खत्म कर देंगे.