Photos कार्तिक पूर्णिमा स्नान: घाटों पर उमड़ा आस्था का रेला, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, जाने क्या है महत्त्व...
कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को आस्थावान गंगा में पुण्य की डुबकी लगाकर दान-पुण्य कर रहे है. कार्तिक पूर्णिमा स्नान का अपना महत्त्व है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार की भोर चार बजे से ही श्रद्धालुओं का रेला गंगा घाट पर उमड़ा है. ठंड पर आस्था भारी पड़ गई है. राजघाट से लेकर अस्सी घाट तक स्नानार्थियों की भीड़ उमड़ी है. दशाश्वमेध, राजेंद्रप्रसाद घाट के अलावा रविदासघाट पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे है. गंगा उस पार भी आस्थावान गंगा में पुण्य की डुबकी लगा रहे है. दिन चढ़ने के साथ ही आस्थावानों की भीड़ इस कदर उमड़ी की पैर रखने का जगह नहीं मिला.
जिला प्रशासन की माने तो कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालु आधी रात से ही आने लगे थे. भीड़ जैसे-जैसे बढ़ने लगी, एडीसीपी काशी जोन चंद्रकांत मीणा, एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय सहित जल पुलिस प्रभारी मिथलेश कुमार ने चक्रमण करना शुरु कर दिया.
गंगा में मुस्तैद रहे एनडीआरएफ के जवान
डीआईजी एनडीआरएफ मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में एनडीआरएफ के जवान आधुनिक उपकरणों के साथ गंगा में मुस्तैद है. वह गंगा में लगातार चक्रमण कर जनता को गहरे पानी में न उतरने की सलाह देने के साथ ही स्नानार्थियों पर नजर बनाएं हुए है. वहीं, जल पुलिस और पीएसी के गोताखोर भी गंगा में मुस्तैद किए गए है.
इसलिए करते हैं गंगा स्नान
ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध कर उसका संहार किया था. ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पूरे माह की पूजा-पाठ करने के समान फल मिलता है और पुण्य की प्राप्ति होती है.
इस दिन गंगा नदी में स्नान करने मात्र से पापों का नाश होता है तथा अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा नदी में जो लोग स्नान नहीं कर सकते तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर जरूर स्नान करें.