IIT-BHU गैंगरेप केस के दो आरोपियों की रिहाई पर विपक्षी हमलावर, PM और सीएम के साथ तस्वीरों को शेयर कर घेरा
IIT-BHU में बीटेक छात्रा से हुए गैंगरेप के मामले में 7 महीने बाद दो आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है. वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी पर विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर हमलावर है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। IIT-BHU में बीटेक छात्रा से हुए गैंगरेप के मामले में 7 महीने बाद दो आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है. आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया है, जबकि तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है. वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी पर विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर हमलावर है.
सपा ने किया ट्वीट
सपा के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से ट्वीट कर लिखा, देखा ! कैसे सीएम योगी के निर्देश पर अभियोजन की लचर पैरवी के कारण गैंगरेप के आरोपी चुपचाप से रिहा हो रहे हैं. यही है सीएम योगी और उनकी भाजपा सरकार की सच्चाई और शर्मनाक चेहरा. यही है सीएम योगी और भाजपा की असलियत ,बलात्कारी यदि सीएम योगी/भाजपा के खास हैं तो उन्हें बचाती है सीएम योगी की सरकार. सत्ता के दुरुपयोग का ऐसा घिनौना और शर्मनाक चेहरा कभी देखा है ?
कांग्रेस ने शेयर की पीएम-सीएम के साथ की तस्वीरें
वहीं कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट पर आरोपियों की पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ की फोटो शेयर कर लिखा, बनारस में BHU की छात्रा के साथ गैंगरेप करने वाले BJP IT Cell के दो पदाधिकारी जेल से छूट गए हैं। खबरों के मुताबिक, जब ये जेल से बाहर आए तो जश्न मनाया गया और धूमधाम से इनका स्वागत किया गया.
आगे लिखा, सनद रहे- गैंगरेप करने के बाद BJP IT Cell के इन पदाधिकारियों को मध्य प्रदेश में BJP का प्रचार करने के लिए भेज दिया गया था और वहां ये 'मोदी की गारंटी को घर-घर बांट रहे थे. सब जानते हैं कि गैंगरेप करने वाले BJP IT Cell के ये पदाधिकारी अपनी पार्टी में बड़ा कद रखते हैं. इनकी तस्वीरें मोदी-योगी, जेपी नड्डा और BJP के बड़े नेताओं के साथ मौजूद है. ये पूरी घटना नरेंद्र मोदी और BJP के कथित 'महिला सुरक्षा' के ढोंग का पर्दाफाश करती है. मोदी-योगी के साथ गैंगरेप के आरोपियों की तस्वीर.
अजय राय ने भी बोला हमला
कांग्रेस यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, IIT-BHU की छात्रा के गुनहगारों को आज कोर्ट से जमानत मिल गयी। क्योंकि जनता के लिए ट्रबल पैदा करने वाली इस डबल इंजन सरकार ने कोर्ट में इनके खिलाफ बेहद लचर दलीलें पेश की. बलात्कारियों का झुंड लेकर चलने वाली इस भाजपा सरकार से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है?
आगे कहा, इन निकम्मों ने यह भी नहीं सोचा कि अपने आंखों ने अपना और देश का भविष्य संवारने का ख्वाब लेकर IIT-BHU में पढ़ने आई इस छात्रा के हृदय पर इनके इस कलंकी कारनामे का क्या असर होगा? क्या प्रभाव पड़ेगा उन छात्रों पर जिन्होंने अपनी सहपाठिनी के न्याय की लड़ाई लड़ी और इनके पुलिसवालों की लाठियां तक खाईं?
अजय राय ने कहा, इतना ये सोचते ही नहीं क्योंकि इन्हें बस अपने बलात्कारी शिष्यों से मतलब है. इनके शासन में हमारी बेटियों की सुरक्षा और उनके साथ न्याय होने की बात सोची भी नहीं जा सकती. इन्हें सरकार से उखाड़ फेंकना ही हमारी बेटियों के सुरक्षा की एकमात्र गारंटी है.
जानें पूरा मामला
बता दें कि, आईआईटी बीएचयू गैंगरेप के दो आरोपी कुणाल और आनंद की रिहाई 24 और 29 अगस्त को हुई थी. आनंद जब 29 अगस्त को अपने घर पहुंचा, तो नगवा कॉलोनी में उसका स्वागत किया गया. बताया जाता है कि तीनों आरोपी भाजपा की आईटी सेल से जुड़े थे और राज्य के कई बड़े नेताओं के संपर्क में थे.
इस हाई प्रोफाइल केस में वाराणसी पुलिस ने 17 जनवरी को गैंगरेप की चार्जशीट दाखिल की थी. तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद उनकी जमानत याचिकाएं बार-बार खारिज होती रहीं. पुलिस ने कोर्ट में आरोपियों को पेशेवर अपराधी करार देते हुए उन्हें समाज के लिए खतरनाक बताया था.
गिरफ्तारी और मामले की सुनवाई
तीनों आरोपियों को घटना के 60 दिन बाद 30 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जघन्य अपराधों में शामिल आरोपियों के साथ जेल में रखा गया था. पुलिस की चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत पेश किए गए, जिसमें उनके रूट चार्ट, CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन, और पीड़िता के बयानों को शामिल किया गया.
आरोपी आनंद ने 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उसने परिवार की बीमारी का हवाला दिया था. कोर्ट ने 2 जुलाई को उसकी जमानत स्वीकार कर ली थी, लेकिन शर्तों के पूरा होने में समय लगने के कारण उसकी रिहाई 29 अगस्त को हुई. दूसरे आरोपी कुणाल की जमानत भी 2 जुलाई को मंजूर हुई, और वह 24 अगस्त को जेल से रिहा हुआ.
बता दें कि, वारदात को अंजाम देकर तीनों आरोपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैंपेनिंग के लिए चले गए थे और लगभग 55 दिन वहीं शरण पाए रहे. पुलिस जांच पड़ताल में लगी थी. तीनों के वाराणसी आते ही पुलिस एक्टिव हुई और 60 दिन बाद पकड़ सकी.
सूत्रों का कहना है कि आरोपियों के सत्तादल में पदाधिकारी होना भी गिरफ्तारी में लेटलतीफी का कारण था, शासन से क्लीयरेंस मिलने के बाद तीनों की गिरफ्तारी की गई. गिरफ्तारी के 10 दिन पहले ही इस मामले की जांच कर रहे ACP भेलूपुर प्रवीण सिंह का भी ट्रांसफर कर दिया गया था.
वाराणसी पुलिस ने कैंपस और कैंपस के बाहर कुल 225 CCTV फुटेज की जांच की थी. स्पेशल टास्क फोर्स (STF), क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सहित कुल 6 टीमों को तलाश में लगाया गया था.