NEET-UG 2024: परीक्षा की गरिमा हुई है प्रभावित, NTA-CBI और केंद्र 10 जुलाई तक दाखिल करें हलफनामा, 11 जुलाई को होगी फिर सुनवाई...

मेडिकल प्रवेश परीक्षा "नीट यूजी 2024" को रद्द करने की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बेहद ही सख्त रुख अपनाया है.

NEET-UG 2024: परीक्षा की गरिमा हुई है प्रभावित, NTA-CBI और केंद्र 10 जुलाई तक दाखिल करें हलफनामा, 11 जुलाई को होगी फिर सुनवाई...

दिल्ली। मेडिकल प्रवेश परीक्षा "नीट यूजी 2024" को रद्द करने की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बेहद ही सख्त रुख अपनाया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेपी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने किया. कोर्ट ने साफ कहा है कि परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता. अब पता लगाना है कि कितने मुन्ना भाई थे, ताकि यह निर्णय लिया जा सके कि  दुबारा परीक्षा करवाना है या नहीं? कोर्ट ने NTA, केन्द्र सरकार , CBI को 10 जुलाई की शाम 5 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा है. कोर्ट 11 जुलाई को सुनवाई करेगा.

आज के सुनवाई का सार

1 सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसमे कोई दो राय नहीं कि 
परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है,पेपर लीक हुआ है, पर हमें ये तय करना है कि लीक कितने बड़े स्तर पर हुआ ताकि हम फैसला ले सके कि दुबारा परीक्षा होनी चाहिए या नहीं.

2 कोर्ट ने कहा कि दुबारा परीक्षा का कोई आदेश देने से पहले हमें इस बात का एहसास है कि ये 23 लाख छात्रों से जुड़ा मसला है। ऐसा होने पर उनके एकेडमिक शेड्यूल के गड़बड़ा जाने और उनकी दिक्कतों होने का भी हमे एहसास है.

3 कोर्ट ने कहा कि अगर गड़बड़ी कुछ ही सेन्टर तक सीमीत है, पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है तब दुबारा परीक्षा करना सही नहीं होगा.

4 CJI ने कहा कि दुबारा परीक्षा आयोजित करने का फ़ैसला देने से पहले हमें ये तय करना होगा :-

क्या सिस्टेमेटिक लेवल पर धांधली हुई है।

क्या NEET परीक्षा की पूरी प्रकिया ही प्रभावित हो गई है 
क्या उन लोगो को पहचान करना संभव है जिन्होंने इस गड़बड़ी का फायदा उठाया। क्या ऐसे लोगों की उन बाकी लोगों से अलग पहचान करना संभव है, जिन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की.

कोर्ट ने कहा कि जब पूरी परीक्षा की प्रकिया ही प्रभावित हो और गड़बड़ी का फायदा उठाने वाले का बाकी लोगों से अंतर कर पाना मुश्किल हो, तब दुबारा परीक्षा करना ज़रूरी हो जाता है, वर्ना इसकी ज़रूरत नहीं है.

5 कोर्ट ने NTA से पूछा है 
सबसे पहले पेपर लीक कब हुआ। पेपर लीक और परीक्षा में आयोजित होने के बीच कितना गैप है.

पेपर लीक कैसे हुआ। किन माध्यम से हुआ। कितने बड़े स्तर पर हुआ।

पेपर लीक का फायदा उठाने वाले लोगो की पहचान के लिए क्या कदम उठाए है, किन सेंटर पर लीक हुआ है।

कितने संदिग्ध लोगों का रिजल्ट रोका गया है।

6. कोर्ट ने NTA और केंद्र सरकार  से पूछा कि क्या साईबर फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से संदिग्ध उम्मीदवारों की पहचान कर सकते हैं? ताकि गड़बड़ी का फायदा उठाने वाले और बेदाग कैंडिडेट के बीच अंतर किया जा सके।

7. कोर्ट ने NTA, केन्द्र सरकार ,CBI को 10जुलाई तक 5 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा है। 

8. 11 जुलाई को आगे कोर्ट सुनवाई करेगा