अस्सी फूड स्ट्रीट को खाली करवाने पहुंची नगर निगम की टीम, दुकानदारों ने किया विरोध...
अस्सी घाट पर स्थित स्ट्रीट फूड को खाली करवाने मंगलवार को नगर निगम के साथ प्रवर्तन दल की टीम पहुंची. टीम के पहुंचते ही दुकानदारों और नगर निगम के अफसरों के बीच तीखी बहस शुरु हो गई. देखते ही देखते आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया. दुकानदारों ने टीम को दौड़ा लिया. अफसरों का कहना था कि इनको हटने के लिए समय दिया गया था. वहीं, दुकानदारों का कहना था कि पांच साल के लिए हमें अलॉट हुआ था, तब तक हमें रहने दिया जाए. स्थिति इतनी बिगड़ गई की पुलिस को बुलाना पड़ा.
वाराणसी, भदैनी मिरर। अस्सी घाट पर स्थित स्ट्रीट फूड को खाली करवाने मंगलवार को नगर निगम के साथ प्रवर्तन दल की टीम पहुंची. टीम के पहुंचते ही दुकानदारों और नगर निगम के अफसरों के बीच तीखी बहस शुरु हो गई. देखते ही देखते आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया. दुकानदारों ने टीम को दौड़ा लिया. अफसरों का कहना था कि इनको हटने के लिए समय दिया गया था. वहीं, दुकानदारों का कहना था कि पांच साल के लिए हमें अलॉट हुआ था, तब तक हमें रहने दिया जाए. स्थिति इतनी बिगड़ गई की पुलिस को बुलाना पड़ा.
2022 में हुआ था उद्घाटन
फूड कोर्ट के दुकानदारों का कहना था कि पिछले बैठक में हम सब दुकानदार उपस्थित थे. मांस-मदिरा परोसने के सभी आरोप निराधार है. यह लोग चुनाव जीतने का इंतजार कर रहे थे. चुनाव जीतने के बाद टेंडर खत्म होने से पहले ही हमें निकालने आ गए. दुकान चलाने के लिए हमने 2022 में पैसे जमा किए थे. 2022 में इस फूड कोर्ट का उद्घाटन हुआ था. जो 2027 तक वैध है.
नगर आयुक्त ने आवंटन किया था रद्द
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने अस्सी घाट पर आवंटित फुड स्ट्रीट की सभी दुकानों के आवंटन को निरस्त कर दिया था. नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के द्वारा अस्सी घाट स्थित आवंटित हाईजेनिक फुट स्ट्रीट की दुकानों का निरीक्षण किया गया था, निरीक्षण में पाया गया कि आवंटित दुकानदारों के द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप दुकानों का संचालन नही किया जा रहा है. जबकि दुकानदारों के द्वारा वस्तु स्थिति कुछ अलग बतायी गयी थी.
इस सम्बन्ध में नगर आयुक्त ने सभी आवंटी दुकानदारों को अपना पक्ष रखने के लिये बैठक बुलाई गयी थी, उस बैठक में दुकानदारों के द्वारा प्रतिभाग नही किया गया. जिसको देखते हुये नगर आयुक्त ने सभी दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया गया था. इसके साथ ही फूड स्ट्रीट की दुकानों को एक सप्ताह में हटाने का निर्देश दिया था.दुकानदारों ने जब खाली नहीं किया तो मंगलवार को नगर निगम की टीम कब्जा खाली करवाने पहुंची.