मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र मामले में आजीवन कारावास, मंगलवार को कोर्ट ने पाया था दोषी...

पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अवनीश गौतम की कोर्ट ने फर्जी ढंग से शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में बुधवार दोपहर 12 बजे सजा के बिंदु पर सुनवाई की. कोर्ट में अवनीश गौतम ने तीन बजे आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र मामले में आजीवन कारावास, मंगलवार को कोर्ट ने पाया था दोषी...

वाराणसी, भदैनी मिरर। पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अवनीश गौतम की कोर्ट ने फर्जी ढंग से शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में बुधवार दोपहर 12 बजे सजा के बिंदु पर सुनवाई की. कोर्ट में अवनीश गौतम ने तीन बजे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. व्हाइट कुर्ता, काले रंग की हाफ कोलंबस की जैकेट और व्हाइट टोपी पहने वीसी के जरिये बांदा कारागार से पेश हुए मुख़्तार अंसारी ने जैसे ही सजा सुनी वह माफी मांगने लगा.

पूरे मामले में कोर्ट ने मंगलवार को मुख्तार अंसारी को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया था. भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी दोषमुक्त किया है. पिछली तिथि पर कोर्ट में आरोपी मुख्तार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने लिखित बहस के साथ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की कुछ रुलिंग दाखिल की थी. अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला व एडीजीसी विनय सिंह ने भी रुलिंग दाखिल की थी.

प्रकरण के मुताबिक मुख्तार अंसारी ने दस जून 1987 को दो नाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था. गीजापुर के तत्कालीन डीएम एवं एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस ले लिया था. मामला उजागर होने पर सीबीसीआईडी ने चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध कोर्ट में 1997 में आरोप पत्र दाखिल किया गया. सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो गई थी. इस केस में पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत दस गवाहों के बयान दर्ज हुए थे.