गबन के आरोप में माँ-बेटे को मिली जमानत, बाउंस हो गया था चेक...
वाराणसी/भदैनी मिरर। कार बेचने के नाम पर 2.40 लाख रुपये हड़पने व पैसे वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी देते हुए मार-पीट करने के मामले में फुलवरियां निवासी मां-बेटे को जमानत मिली। अपर जिला जज (अष्ठम) जनार्दन प्रसाद यादव की अदालत ने आरोपित पुष्पा देवी व उसके पुत्र विवेक विश्वकर्मा को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत में बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता अनुज यादव व विकास सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार चंदुआ छित्तूपुर निवासी महेंद्र मौर्या ने सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसने विपक्षी दीपक विश्वकर्मा से एक इंडिगो कार (यूपी 65 सी 4343) क्रय करने की बात 2.50 लाख रुपये में तय किया था। जो दीपक की पत्नी पुष्पा देवी के नाम पर थी। इस दौरान 7 फरवरी 2019 को एडवांस के रूप में 2.40 लाख रुपये गवाहों के सामने दे दिया। शेष रकम 10 हजार रुपये तीन दिन बाद कार को ले जाते समय देने की बात तय हुई। जब 10 फरवरी को शेष बचा 10 हजार रुपये महेंद्र ने दीपक को देने के बाद कार मांगा तो उसने अगले दिन आकर कर ले जाने की बात कही। लेकिन जब अगले दिन महेंद्र कर लेने पहुंचा तो दीपक टालमटोल करने लगा।
कई दिनों तक दौड़ाने के बाद पैसा वापस मांगने पर दीपक ने उसे 2.40 लाख का एक चेक दिया, जो बाउंस हो गया। इस पर इस पर जब उसने पुलिस से शिकायत करने की बात कही तो इससे नाराज होकर 24 अप्रैल 2019 को विपक्षी दीपक विश्वकर्मा, विशाल, विवेक व पुष्पा देवी आकर गाली गलौज करने लगे तथा मारने-पीटने लगे। साथ ही पैसा वापस मांगने और कहीं शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देने लगे। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गयी कि आरोपितों के विरुद्ध केवल गाली-गलौज और मारने-पीटने का अभियोग अभिकथित है। जो कि 24 अप्रैल 2019 को होना अंकित है, जबकि प्राथमिकी लगभग पांच माह बाद चार सितंबर 2019 को दर्ज कराई गई है। इस प्रकार पूरी घटना ही संदिग्ध प्रतीत होती है। जिसे देखते हुए अदालत ने पत्रावलियों के अवलोकन के बाद आरोपियों को जमानत देने का पर्याप्त आधार पाते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।