#MedicalTips: घर में है नवजात बच्चा तो ठंड में रखें ध्यान, यह लक्षण मिले तो तत्काल मिले चिकित्सक से...

MedicalTips: If there is a newborn child in the house, take special care in the cold. If you see these symptoms, immediately consult a doctor. नवजात बच्चों का ध्यान रखना ठंड में किसी चुनौती से कम नहीं है। यदि बच्चों में यह लक्षण दिखे तो तत्काल अपने चिकित्सकों से मिले और उपचार करें। स्वास्थ्य ठीक-ठाक है के इस अंक में हम बाल रोग विशेषज्ञ की राय जान रहे है।

वाराणसी,भदैनी मिरर। सर्दी की दस्तक के साथ ही दिनों-दिन बढ़ती ठंड में बच्चों को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं है। इस बढ़ती ठंड में खासकर उन अभिभावकों को जिनके यहां पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। जन्म से एक वर्ष तक के बच्चों का ज्यादातर इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होता है और ऐसे में उन्हें सर्दी, जुकाम कोल्ड होने का ज्यादा खतरा होता है। इसे लेकर मिनहाज चाइल्ड नर्सिंग केयर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मिनहाज हुसैन ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

  • बदलते मौसम में कैसे करें बच्चों का बीमारियों से बचाव?

डॉ मिनहाज बताते हैं कि ठंड के मौसम में जन्म से 1 वर्ष तक के बच्चों को नार्मल सर्दी जुकाम होते रहते हैं। ऐसे में बच्चों को हाथ मे दस्ताने और मोजे पहनाकर रखें। कहीं भी बाहर निकलने से पहले बच्चों को अच्छी तरह कवर करके निकलें, घर मे यदि कोई बीमार हो तो उससे बच्चों की दूरी बनाकर रखें, गुनगुने पानी का सेवन कराते रहे, बच्चों में संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है इसलिए अगर बहुत छोटे बच्चे हों तो उन्हें छाती से लगाकर रखें। इससे मां की गर्मी बच्चों को मिलती रहेगी और उन्हें काफी आराम पहुंचेगा।

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  • ठंड में कौन सी डाइट बच्चों के लिए होती है फायदेमंद?

डॉ मिनहाज बताते हैं कि बच्चों को सर्दी जुकाम से बचाव के लिए गर्म पानी मे नींबू, शहद नींबू, स्पाइसी फूड, ज्यादातर देना चाहिए। साथ ही कपूर और नारियल के तेल से हाथ पैर की मालिश करनी चाहिए। क्योंकि कपूर में एंटीबायोटिक होता है जो बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए काफी फायदेमंद होता है। डॉ मिनहाज बताते हैं कि यह लोगों की गलतफहमी है की नींबू नुकसानदायक होता है। नींबू में एंटीकोल्ड विटामिन सी की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है जो सर्दी जुकाम से सबसे अधिक बचाव करता हैं। इसलिए जब भी बच्चों को सर्दी हो तो उन्हें गुनगुने पानी में नींबू देने से काफी आराम मिलता है।

  • शुरुआत में चलने पर क्यों होता है बच्चों के पैरों में दर्द?

डॉ मिनहाज बताते हैं कि इसका सबसे बड़ा कारण है हमारा आज का लाइफ स्टाइल। आज के खानपान में सबसे अधिक विटामिन डी की कमी पाई जाती है। जिससे बच्चों में कैल्शियम फॉस्फोरस की कमी हो जाती है। जिसके कारण शुरुआत में चलने पर उनके पैरों में दर्द के साथ उनके दांत भी देर से निकलते हैं। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा बच्चों को धूप दिखाएं। अधिक समस्या होने पर अपने नजदीकी डॉ की सलाह लें।

  • यदि मां का दूध न बनता हो तो कौन सा दूध बच्चों के लिए उचित होगा? 

डॉ मिनहाज बताते हैं कि माँ के दूध का कोई रिप्लेसमेंट नहीं होता। मां के दूध से अच्छा कुछ नहीं होता क्योकि मां के दूध से 5 वर्ष तक 95 प्रतिशत तक बच्चों के ब्रेन का विकास होता है। फिर भी अगर माँ का दूध न बनाता हो तो उसकी जगह बच्चों को डब्बे का दूध, गाय का दूध या फिर अमूल का टोंड मिल्क दे सकते हैं जो माँ के दूध से मिलता-जुलता होता है। लेकिन कोशिश करे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को मां का ही दूध दें। दूध न बनता हो तो इसके लिए नजदीकी डॉ की सलाह लें।