प्रेग्नेंसी प्लान करने की जाने सही उम्र, पीरियड्स में समस्या होने पर तुरन्त लें चिकित्सकीय सलाह...
Know the right age to plan pregnancy take medical advice immediately if there is a problem of knot in the periods. प्रेग्नेंसी प्लान करने की जाने सही उम्र, पीरियड्स में गाँठ की समस्या होने पर तुरन्त लें चिकित्सकीय सलाह...
वाराणसी, भदैनी मिरर। हर महिला अपने जीवन में माँ बनने का सुख प्राप्त करना चाहती है, इस दौरान 9 महीनों तक शारीरिक और मानसिक काफी बदलाव भी होते है। शारीरिक बदलाव तो करीब तीन महीने बाद दिखाई देने लगते है मगर मानसिक बदलाव पहले दिन से ही होने लगता है। प्रेग्नेंसी प्लान करने से लेकर प्रसव तक तमाम ऐसे प्रश्न होते हो पति-पत्नी के दिमागों में चलते है। जैसे प्रेग्नेंसी का सही उम्र, गर्भावस्था में बरती जाने वाली सावधानियां, गर्भवती महिलाओं का डाइट क्या होना चाहिए? आइये इन सभी प्रश्नों का जबाब जानते है न्यू जागृति हॉस्पिटल अमलेशपुर वाराणसी की एमडी और ख्यात गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. आशा त्रिवेदी से।
- प्रेग्नेंसी प्लान करने का सही उम्र और दो बच्चों के बीच का अंतराल क्या होना चाहिए?
डॉ. आशा त्रिवेदी: प्रेग्नेंसी प्लान करने के लिए कम से कम उम्र 21 से 22 वर्ष हो, क्योंकि कम उम्र के अंदर प्रेग्नेंसी ठहरती है तो उसके शारीरिक और मानसिक दुष्परिणाम हैं। एक बच्चे को पैदा करने के साथ उसे पढ़ाने और अच्छी जिंदगी देने की जिम्मेदारी भी एक मां की ही होती है। यदि 2 बच्चे प्लान करते हैं तो उनमें साढ़े तीन से चार वर्ष का अंतर होना चाहिए।
आज के समय मे सभी जानते है कि अब शादियां लगभग 21 से 22 की उम्र के बाद ही होती हैं तो ऐसे में 31 या 32 तक की उम्र में प्रेग्नेंसी प्लान करनी चहिये। 35 के बाद कि प्रेग्नेंसी में काफी ज्यादा हारमोनल इम्बैलेंस होने का डर होता है। उस समय हायरस प्रेग्नेंसी होती हैं।
- बदलते मौसम में गर्भवती महिलाओं को क्या ध्यान देना चाहिए?
डॉ. आशा त्रिवेदी: बदलते मौसम में प्रेग्नेंट महिलाओं को सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है। उन्हें हर वक्त अपने कान बांधकर रखने चाहिए पैरों में मोजे पहनने चाहिए। ठंडे में ज्यादा देर काम करने से बचें, ठंडी चीजों के सेवन से दूर रहें। सुबह उठना भी नजरंदाज करना चहिये। कुछ महिलाओं को पूरे 9 माह तक उल्टियां होती हैं। जो कि हार्मोनल इफेक्ट के कारण होता है। इसे हम हायपर इमेसेस ग्रेबिडेरम कहते हैं। 3 माह तक उल्टियां होना नेचुरल हैं। जिन्हें लगातार होती है उन्हें अपने डॉ की सलाह लेना जरूरी है कि किस कारण से ये उल्टियां हो रही हैं।
- गर्भावस्था के दौरान कैसी डाइट रखनी चाहिए?
डॉ. आशा त्रिवेदी: गर्भवती महिलाओं के प्रसव का उनकी डाइट पर बहुत असर होता हैं। कहावत है अच्छा अन्न, अच्छा मन , अच्छा तन इसे अनुसरण करना चाहिए और गर्भवती महिलाओं को डबल डाइट लेनी चाहिए अपने और अपने बच्चे दोनों के लिए। एक स्वस्थ माँ का 9 माह की गर्भवस्था में 10 किलो वजन बढ़ता है। अगर वह 10किलो वजन गेन करती है तो इसका मतलब है कि बच्चा ढाई से 3 किलो के बीच होगा। इस समय माँ को आयरन प्रोटीन युक्त डाइट लेना चाहिए इससे बच्चा मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेगा। मां स्वस्थ होगी तो बच्चा भी स्वस्थ होगा। खून की कमी नही होगा।
- महिलाओं के अंदर पहले की अपेक्षा क्या बदलाव आए है?
डॉ. आशा त्रिवेदी: महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर पहले की अपेक्षा अब काफी सुधार हुये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जननी योजना के शुरु होने से हर महीने की 9 तारीख को फ्री कैम्प लगता है। जिसमें गर्भवती महिलाओं का फ्री रूटीन चेकअप होता है। जिससे उनके स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रखा जा सकता हैं। गांवों में भी अब तो सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। कुछ रूढ़िवादी लोग अब भी हैं उन्हें अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
- बच्चेदानी में गांठ की समस्याएं क्या है?
डॉ. आशा त्रिवेदी: बच्चेदानी (यूट्रस) में गाँठ की समस्या बहुत अधिक होने लगी है। इस पर ध्यान देना जरूरी हैं। इसके लिए महिलाओं को यही सलाह देना चाहूंगी यदि पीरियड्स के दिनों में कोई भी समस्या उन्हें समझ आये तो जल्द से जल्द अपने नजदीकी चिकित्सक से सलाह लें।
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