बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था मातेश्री चिल्ड्रेन हास्पिटल, एक झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ भी हुई कार्रवाई...

अवैध निजी अस्पतालों की मनमानी को रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान में कई छोटे बड़े अस्पताल जद में आ रहे है. गुरुवार को निरीक्षण में चार अस्पतालों में गड़बड़ी मिली.

बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था मातेश्री चिल्ड्रेन हास्पिटल, एक झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ भी हुई कार्रवाई...

वाराणसी, भदैनी मिरर। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अवैध अस्पतालों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में चार अन्य अस्पतालों के औचक निरीक्षण में गड़बड़ियां मिली. इनमें एक अस्पताल ऐसा भी मिला जो पंजीयन रद्‌द होने के बावजूद संचालित किया जा रहा था. इसके अतिरिक्त एक झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की गयी.

पंजीयन रद्द होने के बाद भी चल रहा था अस्पताल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि अवैध निजी अस्पतालों के खिलाफ शुरू किये गये अभियान के तहत भुनेश्वर नगर कालोनी स्थित चार चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया गया. निरीक्षण के दौरान मातेश्री चिल्ड्रेन हास्पिटल( संचालक डा. ए.के. सिंह)  में तीन नवजात सहित 5 बच्चें भर्ती थे. जिनकी देख रेख हेतु कोई भी चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं था. वहा उपस्थित स्टाफ को चिकित्सालय बन्द करते हुए भर्ती मरीजों को अन्यत्र भर्ती कराने का निर्देश दिया गया. यह चिकित्सालय  पंजीकृत नही पाया गया. इसके पास ही सहयोग हास्पिटल एण्ड सर्जिकल सेन्टर तथा वेदांशी हास्पिटल न्यूरो एण्ड ट्रामा सेन्टर का पंजीयन नवीनीकरण नही कराया गया है. परन्तु मरीज भर्ती कर इलाज किया जा रहा था. उक्त सेंन्टरों के पास फायर सेफ्टी का एनओसी भी नहीं मिली. समीप के नोबल मेडिसिटी हास्पिटल का पंजीयन पूर्व में ही निरस्त किया जा चुका है, परन्तु अभी यह चिकित्सालय संचालित होता मिला. पंजीयन नियमों के उल्लंघन के दृष्टीगत नियमानुसार सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही हेतु संबंधित थाने को पत्र लिखें जाने  का निर्देश दिया गया है.

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झोलाछाप के खिलाफ हुई कार्रवाई

सीएमओ ने बताया की इस बीच एक झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मिली शिकायत पर कार्रवाई की गई है. चौबेपुर के रजवारी क्षेत्र में एक झोलाछाप चिकित्सक सुभाष सिंह के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी. मौके पर निरीक्षण के दौरान सुभाष सिंह कथित क्लीनिक पर मौजूद मिले. उनके द्वारा अंग्रेजी दवाओं एव इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा था. इनके क्लीनिक पर आरएस और डीएनएस की खाली बोतलें पायी गयीं. जिससे प्रतीत होता है कि वह मरीज भर्ती करके इलाज करते हैं तथा इनके पास कोई डिग्री एवं पंजीयन नहीं मिला. क्लीनिक में उपस्थित तथाकथित डाक्टर सुभाष सिंह को निर्देशित किया गया कि मरीज देखना एवं भर्ती करना तत्काल प्रभाव से बन्द कर दें. साथ ही चौबेपुर पुलिस से कहा गया कि तथाकथित चिकित्सक सुभाष सिंह, राजवाडी बाजार के विरुद्ध बिना डिग्री एवं पंजीयन के चिकित्सकीय कार्य किये जाने के दृष्टिगत सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करते हुए अवैध रूप से संचालित उक्त प्रतिष्ठान का संचालन तत्काल प्रभाव से बन्द कराया जाय. इसके उपरांत मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में संचालित चिकित्सा प्रतिष्ठान को सील करा दिया गया है.