मानवता: खाकी के प्रयास से सैकड़ो गरीबों के पेट की शांत को रही ज्वाला...

मानवता: खाकी के प्रयास से सैकड़ो गरीबों के पेट की शांत को रही ज्वाला...

वाराणसी, भदैनी मिरर। किसी ने सही कहा है कि "भूख से बड़ा मजहब,और रोटी से बड़ा ईश्वर कोई नहीं होता" और पेट की ज्वाला को शांत कर भोजन का प्रबंध करने वाला देवदूत ही होता है। जब देवदूत का काम कोई आम आदमी नहीं बल्कि खाकी पहने कड़क मिजाज वाला इंस्पेक्टर करें तो निश्चित तौर पर यह कहने में कोई गुरेज नहीं की पुलिस वालें भी इंसान है और उनके अंदर भी दिल धड़कता है।


हुआ यूं कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए शासन द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन कराने हेतु फ्रंट लाइन वारियर्स पुलिसकर्मी दिनरात क्षेत्र में मुस्तैद है। लॉकडाउन की मार उन लोगों पर पड़ी है 'जो रोज कुआं खोदकर पानी निकालते है'। सुबह से शाम तक उनकी मेहनत के बाद ही शाम को उनके और उनके परिवार के पेट की ज्वाला शांत होती है। ऐसे लोग लॉकडाउन में ज्यादा प्रभावित हुये है। पिछले गुरुवार की देर शाम शिवपुर इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय क्षेत्र में गश्त के दौरान देखा की कुछ बुजुर्ग महिलाएं आपस में बैठकर बात कर रही थी। उन्होंने गाड़ी रोकवाकर रात में ऐसे बैठने का कारण पूछा तो महिलाओं ने घर में बच्चों के भूखे होने की बात कही। इंस्पेक्टर शिवपुर का मन द्रवित हुआ और उन्होने तत्काल परिवार के लिए भोजन का प्रबंध किया।


इसी दौरान जब शिवपुर इंस्पेक्टर अपने हमराहियों संग वृद्ध माताओं को भोजन का पैकेट पकड़ा रहे है उसी रास्ते शिवपुर के प्रसिद्ध कारोबारी उदय राजगढ़िया भी गुजर रहे थे। इंस्पेक्टर को देख कारोबारी ने गाड़ी रोकी और उनसे पूछा तो उन्होंने तत्काल मदद के हाथ बढ़ाये। कोरोना संक्रमण काल में कई समाजसेवी संस्थाएं शहरी क्षेत्र में अपने-अपने क्षमता के मुताबिक मदद कर रहे है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की जनता तक उनकी मदद नहीं पहुंच पाती। प्रसिद्ध कारोबारी उदय राजगढ़िया ने इंस्पेक्टर शिवपुर राजीव रंजन उपाध्याय को भरोसा दिलाया कि क्षेत्र के जरूरतमंदों को अब वह भोजन करवाएंगे। कारोबारी उदय राजगढ़िया ने कहा कि माता अन्नपूर्णा ने हमें मौका दिया है, मैंने अपने भंडार खोल दिये। पिछले दो दिनों से हर रोज सैकड़ों जरुरतमंदों के पेट की ज्वाला शांत करने की कोशिश कर रहा हूँ। यह कार्य अब पूरे लॉकडाउन तक निरन्तर चलता रहेगा।