ज्ञानवापी प्रकरण: हिंदू पक्ष के वकील की दलील हमारे अधिकार का अतिक्रमण किया गया, अगली तारीख 18 जुलाई को...
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण की लगातार चौथे दिन शुक्रवार को भी सुनवाई हुई. कोर्ट रुम में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने जबरदस्त दलील दी. इस प्रकरण में अब अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी.
वाराणसी, भदैनी मिरर। ज्ञानवापी- श्रृंगार गौरी मामले में लगातार चौथे दिन भी बहस हुई. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बहस के चौथे दिन दलील में वक्फ असेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया की बेबसाइड पर उपलब्ध विवरण का हवाला दिया और कहा कि ज्ञानवापी प्रापर्टी के वक्फ का नोटिफिकेशन,वक्फ रजिस्ट्रेशन तिथि, वक्फ निर्माण की तिथि, प्रापर्टी की खाता, खसरा, पट्टा, प्लाट नम्बर सभी निल दिखाया गया है और प्रपर्टी शहर में होने के बावजूद मंडुआडीह ग्रामीण एरिया में दर्ज बताया गया है. जिस स्थान को विशेष उपासना स्थल कानून 1991 बनने से पहले हिदुओ का पूजा स्थल घोषित कर दिया गया उस स्थान पर यह कानून नहीं लागू होता है. इस प्रकरण की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी.
धर्मिक स्वरूप के मुद्दे पर कहा कि वेद, शास्त्र, उपनिषद, स्मृति, पुराण से साबित है कि पूरी प्रॉपर्टी मन्दिर की है जबरदस्ती घुस आने से नमाज पढ़ लेने से मस्जिद की सम्पत्ति नही हो जाती है. कहा कि हमारे अधिकार का अतिक्रमण किया गया 1993 से पूर्व ब्यास जी तहखाने में और जगह जगह पर पूजा की जाती रही और उसे बैरिकेटिंग कर जबरन रोक दिया गया. विश्वनाथ मंदिर एक्ट के सेक्सन 5 के तहत यह प्रापर्टी देवता में निहित हो गई तब विशेष धर्म उपासना स्थल कानून लागू नही हो सकता. दलील में कहा कि ऑर्डर 7 रूल 11 के आवेदन में जो बात कही गई है उसी पर कोर्ट विचार करेगी इसके इतर विपक्षी जो भी बात कहेंगे उस पर विचार का कोई औचित्य नहीं है. जिन स्थलों पर पूजा करने का अधिकार विशेष धर्म उपासना स्थल एक्ट 1991 आने से पहले पूजा का अधिकार प्राप्त था उन स्थलों पर यह एक्ट प्रभावी नहीं है.