घाट पुरोहितों को बनाया जायेगा सांस्कृतिक दूत, पुरोहितों की समस्याओं पर हुई चर्चा...

पुरोहित समागम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को अध्यक्षता करते हुए संघ  के संघ के संस्थापक आचार्य वागीश दत्त ने  कहा कि काशी के गंगा घाटों पर पीढ़ी दर पीढी सनातन धर्म की परम्पराओं के पालनहारों की पैतृक आजीविका आज खतरे में है।

घाट पुरोहितों को बनाया जायेगा सांस्कृतिक दूत, पुरोहितों की समस्याओं पर हुई चर्चा...

वाराणसी,भदैनी मिरर। श्री काशी पुरोहित संघ की ओर से शनिवार को पुरोहित समागम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को अध्यक्षता करते हुए संघ  के संघ के संस्थापक आचार्य वागीश दत्त ने  कहा कि काशी के गंगा घाटों पर पीढ़ी दर पीढी सनातन धर्म की परम्पराओं के पालनहारों की पैतृक आजीविका आज खतरे में है। हालांकि कुछ प्रमुख घाटों पर मुंह अंधेरे घाट लगाना फायदेमंद है जहां पर दिन भर न काम की कमी है, न कमाई की कमी है। इसके उल्टे अधिकांश घाटों के पुरोहित जजमानों की कमी से परेशान हैं। मजबूरन उन्हें दो जून की रोटी के लिए घाट से अलग हट कर कुछ काम देखना पड़ रहा है।  उन्होंने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के उपाय किए जायेंगे, विशेष प्रशिक्षण वर्ग लगेगा पुरोहितों के कल्याण से ही काशी का कल्याण होगा।

संघ के संरक्षक गंगाधर उपाध्याय ने कहा कि काशी की पहचान पुरोहितों से है,  काशी की आत्मा करती है तीर्थों में वास करती है। पुरोहित एक तरह से काशी का ब्रांड एंबेसडर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी, इसलिए पुरोहितों को गंगा घाटों पर संक्षिप्त कर्मकांड एवं पंचांग पर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाएगा।

संस्था के अध्यक्ष पं• बलराम मिश्र ने कहा कि काशी आने वाले सनातन धर्मी हिन्दू स्नान-दान,  पिण्ड, तीर्थ- श्राद्ध, पर्यटन आदि की कामना से यहां यात्रियों का आगमन होता है काशी में सर्वप्रथम गंगातट पर यात्रियों का सीधा संवाद-सम्पर्क पुरोहितों से होता है। पौराणिक- धार्मिक, सांस्कृतिक-पुरातात्विक, ऐतिहासिक- आध्यात्मिक जानकारियां पुरोहितों को प्रशिक्षण में दी जाएगी। साथ ही कोई एक दुर्व्यसन छुडाने का भी संकल्प कराया जायेगा।

इस अवसर पर संघ ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि आज पुरोहित समाज बहुत ही कठिन परिस्थिति में भी सनातन धर्म की परंपराओं का निर्वहन मजबूती से कर रहा है और कोरोना काल में गंगा घाटों के धार्मिक कर्मकांड पूरी तरह से बंद हो गए थे,  पुरोहित वर्ग तबसे आर्थिक तंगी का शिकार हो गया । इसके लिए सरकार अनुदान देने की कृपा करें।

बैठक में उपस्थित लोगों में सर्वश्री आचार्य वागीश दत्त, प॔ गंगाधर उपाध्याय, पं बलराम मिश्र, पं।संजय कुमार पांडे, पं विशाल शास्त्री औढेंकर, पं श्रवण कुमार मिश्र, पं विनोद दवे जी , डा मनमोहन श्याम आदि लोग प्रमुख रूप से शामिल थे।