वाराणसी लोकसभा सीट से पहली बार सबसे कम 7 उम्मीदवार, सभी को आवंटित हुए चुनाव चिन्ह...
वाराणसी लोकसभा चुनाव के नामांकन प्रक्रिया के बाद शुक्रवार को नाम वापसी के अंतिम दिन 1 कैंडिडेट ने अपना नाम वापस ले लिया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी लोकसभा चुनाव के नामांकन प्रक्रिया के बाद शुक्रवार को नाम वापसी के अंतिम दिन 1 कैंडिडेट ने अपना नाम वापस ले लिया है. राष्ट्रीय समाजवादी जन क्रांति पार्टी के प्रत्याशी पारस नाथ केसरी ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला निर्वाचन अधिकारी को नाम वापसी का प्रार्थना पत्र दिया. इसके बाद पहली बार सबसे कम अब वाराणसी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले मात्र सात प्रत्याशी बचे है. इसके पहले 1996 में सबसे अधिक 47 और 1977 में सबसे कम 11 प्रत्याशियों ने चुनाव लडा था.
पीएम के खिलाफ नामांकन करने वाले पारसनाथ केसरी ने शुक्रवार को चुनाव मैदान से हटने का कोई ठोस कारण नहीं बताया लेकिन माना जा रहा है कि पीएम के समर्थन में उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया है. वहीं भाजपाई खेमा पीएम के खिलाफ प्रत्याशियों की संख्या घटाने की कवायद में जुटा है. भाजपा के कुछ नेता दो प्रत्याशियों के संपर्क में हैं. जिन्हें पीएम के समर्थन में नाम वापसी के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में बचे प्रत्याशियों का भाग्य 1 जून को ईवीएम में कैद होगा. इस बार वाराणसी में ईवीएम मशीन का एक वैलेट ही इस्तेमाल में लाया जाएगा. एक वैलेट में 16 बटन होते है, जिसमें 15 प्रत्याशी और एक नोट होता है. इस बार वाराणसी में एक ही वैलेट इस्तेमाल होगा. शुक्रवार को प्रत्याशियों को उनका चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिया गया. नरेंद्र मोदी- बीजेपी - कमल का फूल, अजय राय- कांग्रेस- हाथ का पंजा, अतहर जमाल लारी - बहुजन समाज पार्टी - हाथी, गगन प्रकाश यादव - अपना दल (कमेरावादी) - लिफाफा, कोला शेट्टी शिवकुमार - युग तुलसी पार्टी - रोड रोलर, संजय कुमार तिवारी - निर्दलीय - बांसुरी , दिनेश कुमार यादव - निर्दलीय - डंबल का सिंबल मिला है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नॉमिनेशन के दौरान कुल 41 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था. जिसमे 33 प्रत्याशियों के पर्चे अवैद्य मिले थे, ज्यादातर प्रत्याशियों ने शपथ पत्र नहीं लगाया था. 1 प्रत्याशी ने अब जब अपना नाम वापस ले लिया है तो अब मैदान में कुल 7 प्रत्याशी मैदान में है.