ज्ञानवापी मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को, कोर्ट रुम में जबरदस्त हुई जिरह, आज पड़े 3 एप्लीकेशन

जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी मामले की सुनवाई 4 जुलाई तक के लिए टाल दी है. फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई मुकदमें की पोषणीयता पर अब अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी. फास्ट ट्रैक कोर्ट में भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मुकदमें की सुनवाई हुई. कड़ी सुरक्षा और सीमित लोगों के बीच कोर्ट रुम की कार्रवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला 4 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया.

ज्ञानवापी मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को, कोर्ट रुम में जबरदस्त हुई जिरह, आज पड़े 3 एप्लीकेशन

वाराणसी,भदैनी मिरर। ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर जिला जज की कोर्ट ने सुनवाई 4 जुलाई तक के लिए टाल दी है। इससे पहले कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावों पर आपत्तियां दर्ज कराई। अगली तारीख पर हिंदू पक्ष अपनी दलीलें रख सकता है।

मां श्रृंगार गौरी से संबंधित मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं। इस मुद्दे पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने जबरदस्त दलीलें दी। मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर कथित तौर पर मिले शिवलिंग व उनकी पूजा करने के दावे पर आपत्ति जताई। मुस्लिम पक्ष ने वर्ष 1937 से दीन मोहम्मद बनाम राज्य सचिव के मुकदमे का निर्णय पढ़ा। कहा कि अदालत ने मौखिक गवाही और दस्तावेजों के आधार पर फैसला किया था कि यह पूरा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मुस्लिम वक्फ का है और मुसलमानों को नमाज अदा करने का अधिकार है। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि मां श्रृंगार गौरी का मुकदमा प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट 1991 का उल्लंघन है. 

पूजा -पाठ के अधिकार पर भी हुई सुनवाई

भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मुकदमें की सुनवाई सोमवार को फास्ट ट्रैक महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में हुई। विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह के दाखिल वाद में कोर्ट से तीन प्रमुख मांग की है। जिसमें की ज्ञानवापी में तत्काल मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक, पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने और भगवान आदि विश्वेश्वर के ज्योतिर्लिंग की नियमित पूजा-पाठ शुरू करने की मांग है। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों से 14 लोगों को ही मौजूद रहने की अनुमति दी। मुकदमे की सुनवाई के बाद कोर्ट ने शाम 4 बजे तक के लिए फैसला सुरक्षित रखा था। इसके बाद कोर्ट ने 8 जुलाई तक सुनवाई टाल दी।

इस दौरान वादी पक्ष के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कीं और मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने अपना वकालतनामा दायर किया। अदालत ने हिंदू पक्ष को प्रतिवादियों को मुकदमे की प्रति उपलब्ध कराने को कहा है। हिंदू पक्ष ने अदालत से सनातन धर्मियों को ज्ञानवापी मस्जिद में प्रवेश करने और वहां मौजूद आदि विश्वेश्वर की पूजा करने की अनुमति देने की मांग करते हुए अंतरिम राहत की मांग की है।

वाद मित्र ने पक्षकार बनाने की मांग की

इनके साथ ही प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वर के वाद मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने जिला जज की अदालत में आज प्रार्थना पत्र दिया है। उनकी मांग है कि मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले से संबंधित मुकदमे में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए। उधर, निर्मोही अखाड़े ने भी एप्लिकेशन दी है। ज्ञानवापी में रोज दर्शन-पूजन और हिंदुओं के अधिकार को लेकर यह एप्लिकेशन दी गई है। इस पर आज सुनवाई होगी। इसमें निर्मोही अखाड़े को पक्षकार बनाए जाने की मांग की गई है।

अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय के मुकदमें पर 2 जून को होगी सुनवाई

फौजदारी के अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित 7 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग कोर्ट से की है। उनका कहना है कि ज्ञानवापी प्रकरण पर नेताओं ने अनावश्यक बयान देकर सनातन धर्मियों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। इसके अलावा ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बावजूद वहां लोगों ने हाथ-मुंह धोया और कुल्ला किया। इससे भगवान शिव के भक्तों को कष्ट हुआ है। ACJM पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने वाद दर्ज करने का आदेश देकर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत की थी। हरिशंकर पांडेय ने साक्ष्य पेश करने के लिए समय मांगा था। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 2 जून की डेट तय की थी।

इन एप्लीकेशन पर अदालत का आदेश आना बाकी

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने जिला जज की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। उनका कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद में आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग मिला है। अकबर के शासनकाल के समय से उनके पूर्वज बाबा विश्वनाथ की पूजा करते चले आ रहे हैं। इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की नियमित पूजा, स्नान, श्रृंगार और भोग-राग का अधिकार उन्हें दिया जाए।

ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने की मछलियों को अन्यत्र शिफ्ट करने और नमाजियों के टॉयलेट आदि की व्यवस्था की DGC सिविल ने मांग की है। इसके अलावा वादी महिलाओं द्वारा वजूखाने में मिले शिवलिंग के नीचे की जगह को तोड़ कर एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराने का अनुरोध किया गया है। इन दोनों एप्लिकेशन पर अभी अदालत का आदेश आना बाकी है।

कोर्ट में पड़े आज तीन एप्लीकेशन

  1. प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विशेश्वर के वाद मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने जिला जज की अदालत में आज प्रार्थना पत्र दिया है उनकी मांग है कि मां श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले  से संबंधित मुकदमे में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए.
  2. निर्मोही अखाड़े ने भी एप्लीकेशन देकर कहा है की ज्ञानवापी में रोज दर्शन -पूजन और हिंदुओं के अधिकार को लेकर उसे भी पक्षकार बनाया जाए.
  3. केंद्रीय ब्राम्हण महासभा की ओर से फास्ट ट्रैक कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर किया गया है जिसमें ज्ञानवापी के अंदर पाए गए कथित शिवलिंग के पूजा का अधिकार मांगा गया है.