रुक्मिणी विवाह में जमकर नाचे श्रद्धालु: बोले पंकज शास्त्री जीव परमात्मा का अंश है
वाराणसी, भदैनी मिरर। महमूरगंज स्थित श्रृंगेरी मठ में आयोजित संगीतमयी श्री मद्भागवत कथा के छठवें दिन कथा व्यास श्रीधाम वृंदावन से पधारे पंकज शास्त्री जी महाराज ने रासलीला, उद्धव गोपी संवाद, गोपियों द्वारा उद्धव को गुरु बनाने और रुक्मिणी विवाह के प्रसंग की प्रस्तुति की। वहीं प्रभु श्रीकृष्ण का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कल्यवान का वध, उद्धव गोपी संवाद, ऊद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय प्रस्तुति देख श्रोता व दर्शक भावविभोर हो उठे।
इसके साथ ही महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कथा मंडप में विवाह का प्रसंग आते ही चारों तरफ से श्रीकृष्ण-रुक्मणी पर जमकर फूलों की बरसात हुई।
कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। जिसके बाद पूरे श्रद्धालु बराती बने और जमकर कृष्णभक्ति गीतों पर झूमते-नाचते रहे। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे उन्होंने महारास लीला श्री उद्धव चरित्र, श्री कृष्ण मथुरा गमन और श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर विस्तृत रुप से कथा सुनाई। जिसके बाद मुख्य यजमान पंकज भाई मोदी ने सपत्नी भागवत जी की आरती की। इस मौके पर अनुज राही हिंदुस्तानी, वंदना रघुवंशी, आयोजक सह प्रमुख निहारिका राय, व्यवस्था प्रमुख सचिन मिश्रा, प्रचार-प्रसार एवं मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र त्रिपाठी, प्रिया मिश्रा, पंकज श्रीवास्तव, दिनेश जायसवाल, अजीत श्रीवास्तव, आशीष टन्डन, राजेश पांडेय (विजेता), मीनाक्षी सिंह का अपार सहयोग है।
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