सूर्य ग्रहण समाप्त होते ही काशी के घाटों पर लगा स्नानार्थियों का रेला, लोग कर रहे दान-पुण्य...
सूर्य ग्रहण समाप्त होते ही धर्म नगरी काशी में श्रद्धालु गंगा घाट पहुंचकर स्नान कर रहे हैं इस दौरान वह दान पुण्य कर अपने गोचर को ठीक रखने की कामना भी कर रहे है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। कार्तिक कृष्ण अमावस्या की शाम 25 अक्टूबर को वर्ष का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण 4.42 बजे से सूर्यग्रहण शुरू होकर सूर्यास्त पर जैसे ही खत्म हुआ श्रद्धालुओं का रेला गंगा घाट की ओर उमड़ पड़ा. इस दौरान सभी अपने गुरु मंत्र ' या ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः ' के मंत्र का जाप करते रहे. ग्रहण के बाद घाट पर पुरोहितों को दानपुण्य भी किया.
घाट पुरोहित रमेश तिवारी ने कहा की श्रद्धालु गंगा स्नान कर अपने गोचर को ठीक करने के लिए दान-पुण्य कर रहे है. विघ्नहर्ता गणेश जी का पूजन जरूर करना चाहिए, वही एक मात्र देवता है जो प्रथमेश है अर्थात शुभ और अशुभ दोनों में पूजे जाते है. गंगाजल ही एक ऐसा स्थान है जहां ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता इसलिए लोग गंगा में खड़े होकर भी ग्रहण काल के दौरान मंत्रों का जाप करते हुए अपने इष्ट देव की आराधना करते है.