BHU के सटे गेटों को 24 घंटे खोलने की मांग, चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपकर छात्रों ने बताई अपनी समस्या...

Demand to open the adjacent gates of BHU for 24 hours. The students told their problem by submitting a memorandum to the Chief Proctor. काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के मुख्यद्वार को छोड़कर सभी छोटे गेटों को रात 10 बजे बंद कर दिया जाता है। इन गेटों को 24 घंटे खुलवाने के लिए भगत सिंह छात्र मोर्चा से जुड़े लोगों ने चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

BHU के सटे गेटों को 24 घंटे खोलने की मांग, चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपकर छात्रों ने बताई अपनी समस्या...
चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपते छात्र।

वाराणसी,भदैनी मिरर। बीएचयू के छित्तुपुर, सिरगोवर्धनपुर और हैदराबाद के छोटे गेट को 24 घण्टे खोलने की मांग को लेकर भगत सिंह छात्र मोर्चा के छात्रों ने विश्वविद्यालय के चीफ़ प्रॉक्टर को ज्ञापन दिया और मांगें पूरी न होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी।

छात्रों का कहना है कि लंका गेट के अलावा सभी गेट रात 10 बजे बन्द हो जाने से स्टूडेंट्स को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रात में तबियत खराब होने या किसी अन्य इमरजेंसी में भी सुंदरलाल अस्पताल जाने के लिए घूमकर लंका गेट से जाना पड़ता है। विश्वविद्यालय के बाहर के सभी सड़को का बहुत बुरा हाल है। कई सड़के जर्जर अवस्था में है। बरसात के दिनों में तो स्थिति और बदतर हो जाती है। इन सड़कों में रात के समय एक्सीडेंट होने के सम्भावना बहुत अधिक हो जाती है।

छात्रों ने बताया कि छित्तूपुर में रह रहे छात्र-छात्राओं को पानी लेने के लिए भी काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) आना पड़ता था क्योंकि इस एरिया में शुद्ध पानी नहीं रहता है। रात के समय गेट बंद हो जाने के बाद स्टूडेंट्स को कई बार बिना पानी के ही रहना पड़ता है। BHU की साइबर लाइब्रेरी रात 11:00 बजे तक खुली रहती है और BHU के गेट नियमानुसार 10:00 बजे ही बंद कर दिए जाते हैं। इस से लाइब्रेरी आने जाने में सभी स्टूडेंट्स को दिक्कत हो रही।

हैदराबाद छोटी गेट जो पहले शाम 7 बजे तक खुलती थी उसे अब सिर्फ पैदल स्टूडेंट्स के लिए शाम 4 बजे तक खोला जा रहा। पहले साईकल वाले स्टूडेंट्स भी आना-जाना करते थे अब गेट में तो लोहे के पिलर लगाकर रास्ता आधा अवरुद्ध कर दिया गया है जिससे सिर्फ पैदल यात्री ही जा सकते हैं। अगर स्टूडेंट्स इमरजेंसी कारणों से भी निर्धारित समय के बाद गेट खोलने की मांग करते है तो वहाँ मौजूद गार्ड्स का व्यवहार बेहद खराब होता है।

छात्रों ने बताया कि हम लोगों के मुद्दे सुनने के बाद प्रशासन की तरफ से मारपीट- झगड़ा-बवाल-चोरी-छिनैती रोकने के लिए गेट बन्द करने का रटा-रटाया तर्क दिया गया जबकि गेट बन्द करना किसी भी तरह से इन समस्याओं का हल नहीं है। इस वजह से तो आम स्टूडेंट्स को और भी अधिक समस्या झेलनी पड़ रही है। 

तर्क-वितर्क के फलस्वरूप प्रशासन ने छित्तूपुर छोटी गेट को 24 घण्टे खोलने की मांग मान ली है। अन्य गेट पर भी स्टूडेंट्स अपना BHU ID कार्ड या ऑनलाईन पोर्टल खोलकर कर दिखाते हैं तो उनके लिए गेट को खोल दिया जायेगा। साथ ही गार्ड्स को स्टूडेंट्स के प्रति संवेदनशील बनाए जाने की आवश्यकता को भी प्रशासन की तरफ से स्वीकार किया गया।

बीएचयू प्रशासन और विश्विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को यह पूरी तरह समझना चाहिए कि विश्वविद्यालय का अस्तित्व छात्र-छात्राओं से है । बीएचयू प्रशासन को हर संभव यह कोशिश करनी चाहिए कि कोई भी ऐसा नियम या पाबंदी नहीं लगाया जिससे छात्र-छात्राओं को किसी भी प्रकार से अपने कैंपस में आने-जाने में दिक़्क़तों का सामना करना पड़े। साथ ही साथ प्रशासन को कोई भी नया नियम या फैसले लागू करने के पहले से छात्र-छात्राओं की राय और सहमति जरूर लेनी चाहिए। ज्ञापन देने वालो में प्रमुख रूप से अमन, उमेश, योगेश, चंदन व विवेक आदि शामिल रहें।