धारा 144 लागू: दो घंटे ही कर सकेंगे आतिशबाजी, निषेधाज्ञा 26 दिसम्बर तक रहेगा प्रभावी...
वाराणसी आज से लागू यह नियम 26 दिसंबर 2021 तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान एक स्थान पर 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर मनाही होगी। इसके अलावा किसी भी प्रकार का धार्मिक या राजनितिक जुलूस निकालने की मनाही होगी।
वाराणसी। दीपावली पर वाराणसी शहर में रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे फोड़ सकेंगे। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बुधवार को त्योहारों के मद्देनजर जिले भर में धारा 144 लागू करने का आदेश दिया है। सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू की हैं। यह निषेधाज्ञा आगामी 26 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी। दीपावली के दौरान ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के अनुसार घोषित साइलेंस जोन में (अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राथमिक एवं जिला हेल्थ केयर सेन्टर, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय, धार्मिक स्थल एवं अन्य घोषित क्षेत्र) के 100 मीटर के अंदर पटाखें न फोड़े जाएं। ऐसे पटाखों का विक्रय प्रतिबंधित रहेगा, जिनमें एंटीमनी, लीथियम, मरकरी, आरसेनिक लेड के कम्पाउंड या स्ट्रांसियम कोमेट या बेरियम साल्ट का प्रयोग किया गया हो। दीपावली पर रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे के मध्य ही आतिशबाजी की जाएगी।
धारा 144 आगामी 26 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान एक स्थान पर 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर मनाही होगी। इसके अलावा किसी भी प्रकार का धार्मिक या राजनितिक जुलूस निकालने की मनाही होगी।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अनुसार जनपद के सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्र में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, कार्तिक पूर्णिमा, क्रिसमस आदि त्यौहार परम्परागत रूप से मनाया जायेगा। इसके अतिरिक्त संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज, परीक्षा नियामक आयोग, प्रयागराज एवं अधीनस्थ्य सेवा चयन आयोग, लखनऊ द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षायें भी आयोजित होना प्रस्तावित है। इन अवसरो पर विभिन्न धार्मिक/राजनैतिक/सामाजित संगठनों द्वारा अपने-अपने कार्यक्रम प्रस्तावित किये जा सकते है।
इस अवसर पर कतिपय अराजक तत्वों द्वारा अपनी गतिविधियों से जनसुरक्षा, शांति व्यवस्था एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता को प्रभावित किए जाने के प्रयास की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उक्त के दृष्टिगत सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने, विभिन्न आयोगों द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं को शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराने तथा उक्त अवसरों पर अराजक तत्वों द्वारा अपनी गतिवधियों के कारण शांति व्यवस्था प्रभावित किए जाने के प्रयासों पर नियंत्रण स्थापित किए जाने तथा कानून एवं शांति व्यवस्था कायम रखने के दृष्टिगत जिला मजिस्ट्रेट/जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जनपद के सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्र में धारा-144 दण्ड प्रकिया सहिता के अन्तर्गत निषेधाज्ञा लागू की हैं। जो आगामी 26 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा।
इस दौरान यहकोई भी व्यक्ति/भवन स्वामी अपने भवन में स्थायी/अस्थायी रूप से किरायेदार रखने से पूर्व उसकी लिखित सूचना सम्बन्धित मजिस्ट्रेट/थाना प्रभारी को लिखित रूप से प्राप्त करायेगा तथा सूचना सम्बन्धित मजिस्ट्रेट/थाना प्रभारी को लिखित सूचना प्राप्त कराने के उपरान्त अपने भवन में किरायेदार को प्रवेश प्रदान करेगा। मजिस्ट्रेट/थाना प्रभारी को प्राप्त कराने वाली सूचना में सम्बन्धित भवन स्वामी का पूर्ण विवरण यथा नाम/पिता का नाम/मकान नम्बर व व्यवसाय सहित पूर्ण पता एवं किरायेदारी आरम्भ होने की तिथि/किस तिथि तक के लिए किरायेदार रखा जा रहा है, आदि का विवरण अंकित करने के साथ ही किरायेदार का भी पूर्ण विवरण यथा नाम व पिता का नाम तथा पूरा पता, एवं व्यवसाय आदि का उल्लेख किया जाना आवश्यक है।
कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर किसी भी प्रकार का आग्नेयास्त्र-बम-भाला-तलवार-भुजाली-लाठी-डंडा, चाकू लेकर नहीं चलेगा और न ही किसी ऐसे अस्त्र-शस्त्र लेकरचलेगा, जिसका की उपयोग आक्रमण के लिए किया जाय। अस्त्र-शस्त्र का सार्वजनिक रुप से प्रदर्शन भी प्रतिबन्धित किया जाता है। सिख एवं गोरखा जाति के लोगों, जो प्रथा के अनुसार मात्र खुखरी रखने के हकदार हैं, पर यह प्रतिबन्ध लागू नहीं होगा। शासकीय ड्यूटी पर तैनात अधिकारी/ कर्मचारी जिनके लिए ड्यूटी पर शस्त्र रखना शासन द्वारा अनुमन्य है, पर मात्र शासकीय कार्य अवधि/ ड्यूटी तक के लिए ही यह प्रतिबन्ध शिथिल होगा।
इस दौरान कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक विद्वेश उत्पन्न करने वाला वक्तव्य न तो प्रसारित करेगा और न ही बिना अनुमति के किसी भी प्रकार के धरना जुलूस आदि आयोजित होंगे। न ही समाज में तनाव उत्पन्न करने वाला कोई कृत्य किया जायेगा। किसी भी प्रकार के हैण्ड बिल/पर्चा, प्रकाशित नहीं करेगा और न ही हैण्ड बिल/पोस्टर/पर्चा दिवाल पर किसी भी स्थान पर चस्पा नहीं किये जायेंगे, और न ही जन- जीवन/शांति व्यवस्था प्रभावित करने के लिए इसका उपयोग करेगा।
जुलूस-धरना आयोजन से पूर्व जिला मजिस्ट्रेट अथवा सम्बन्धित मजिस्ट्रेट से शासनादेशानुसार अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। कोई भी व्यक्ति/व्यक्तियों का समूह सार्वजनिक स्थल पर मादक पदार्थो आदि का सेवन नही करेगा और न ही इसका प्रयोग कर विचरण करेगा तथा कोई भी ऐसा कार्य नही करेगा, जिससे किसी व्यक्ति धर्म या समुदाय के विरूद्ध अथवा शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना हो। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक जन-जीवन किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेगा और न ही शांति व्यवस्था प्रभावित करने का प्रयास करेगा।
कोई भी व्यक्ति/संगठन या समूह बलपूर्वक सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को बन्द नहीं कराया जायेगा और न ही किसी भी प्रकार से शासकीय भवनों/शासकीय सम्पत्तियों को क्षति पहुंचाया जायेगा। ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग किया जाता है तो मन्द गति से किया जायेगा तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 द्वारा निर्धारित डेसिबल सीमा के अन्तर्गत ही किया जायेगा, किन्तु रात्रि 10-00 बजे से प्रातः 06-00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग किसी भी दशा में नही किया जायेगा।