कमिश्नरेट के अफसरों की बैठेगी कोर्ट, मजि‍स्‍ट्रि‍यल पॉवर के साथ अलग-अलग दिन अफसर करेंगे सुनवाई...

Courts will sit for officers of commissionerate, with magisterial power, officers will hear on different days. पुलिस कमिश्नरेट के उच्चाधिकारियों की अब कोर्ट बैठेगी। मजि‍स्‍ट्रि‍यल पॉवर के साथ अफसर जज की भूमिका में रहेंगे।

कमिश्नरेट के अफसरों की बैठेगी कोर्ट, मजि‍स्‍ट्रि‍यल पॉवर के साथ अलग-अलग दिन अफसर करेंगे सुनवाई...

वाराणसी,भदैनी मिरर। वाराणसी कमिश्नरेट लागू होने के साथ ही धीरे-धीरे व्यवस्थाएं भी अलग हो रही है। कमिश्नरेट पुलिस के अफसरों की कोर्ट अब बैठेगी, इनके पास मजि‍स्‍ट्रि‍यल पॉवर होगा यानी की वह जज की भूमिका में होंगे। अपर मुख्य सचिव, उत्‍तर प्रदेश शासन गृह (पुलिस) अनुभाग की अधिसूचना द्वारा कमिश्नरेट वाराणसी के समस्त सहायक पुलिस आयुक्तों, अपर पुलिस उपायुक्तो, उप पुलिस आयुक्तो, अपर पुलिस आयुक्तो, संयुक्त पुलिस आयुक्तो और पुलिस आयुक्तो को कार्यपालक मजिस्ट्रेट के रूप में शक्‍ति‍यां प्रदान की गयी हैं। इसके अलावा सभी अपर पुलिस आयुक्तों, संयुक्त पुलिस आयुक्तो तथा पुलिस आयुक्तों को अपर जिला मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त कि‍या गया है। ऐसे अपर जिला मजिस्ट्रेटों अर्थात अपर पुलिस आयुक्तो, संयुक्त पुलिस आयुक्तो तथा पुलिस आयुक्तो को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के साथ ही 13 अन्‍य अधिनियमों के अधीन अपनी-अपनी अधिकारिताओं के अन्तर्गत जिला मजिस्ट्रेट की समस्त शक्तियाँ प्रदान की गयी हैं।

जाने किन-किन मामलों में मिली है शक्तियां

  • उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण अधिनियम 1970 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 6 सन्‌ 1971)
  • विष अधिनियम, 1919
  • अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956
  • पुलिस (द्रोह-उद्दीपन) अधिनियम, 1922
  • पशुओं के प्रति क्रुरता निवारण अधिनियम, 1960
  • विस्फोटक अधिनियम, 1884
  • कारागार अधिनियम, 1894
  • शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923
  • विदेशियों विषयक अधिनियम, 1946
  •  गैर-कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967
  •  पुलिस अधिनियम, 1861
  •  उत्तर प्रदेश अग्निश्मन सेवा अधिनियम, 1944
  • उत्तर प्रदेश अग्निनिवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम, 2005
  • उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986


यह अफसर करेंगे इस दिन सुनवाई

कमिश्नरेट पुलिस के मीडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण अधिनियम 1970 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 6 सन्‌ 1971) की सुनवाई वाराणसी के पुलि‍स कमि‍श्‍नर, एडि‍शन पुलि‍स कमि‍श्‍नर (कानून एवं व्यवस्था) एवं एडि‍शन पुलि‍स कमि‍श्‍नर (मुख्यालय एवं अपराध) करेंगे। वाराणसी के पुलिस कमि‍श्‍नर द्वारा भेलूपुर एवं दशाश्‍वमेध सर्कि‍ल के मामलों का सोमवार को सुबह 11.00 बजे से 13.30 बजे तक सुनवाई की जाएगी। ये अदालत आयुक्त न्यायालय, पुलिस कार्यालय कमिश्नरेट वाराणसी में लगेगी।
इसी प्रकार एडि‍शनल सीपी (कानून एवं व्यवस्था) द्वारा कैण्ट एवं कोतवाली सर्कि‍ल के मामलों की सुनवाई बुधवार और बृहस्पतिवार को सुबह 10.00 बजे से 13.00 बजे तक आयुक्त न्यायालय, पुलिस कार्यालय कमिश्नरेट वाराणसी में कि‍या जाएगा।

वहीं एडि‍शनल सीपी (मुख्यालय एवं अपराध) द्वारा सारनाथ एवं चेतगंज सर्कि‍ल के मामलों की सुनवाई सोमवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को दि‍न में 14.00 बजे से शाम 17.00 बजे तक आयुक्त न्यायालय, पुलिस कार्यालय कमिश्नरेट वाराणसी में कि‍या जाएगा। 

इसके अलावा बाकी के 13 अधिनियमों (क्रम संख्या 02 से लेकर क्रम संख्या ।4) के अधीन जिला मजिस्ट्रेट की समस्त शक्तियों का प्रयोग सम्पूर्ण कमिश्ररेट क्षेत्र में केवल पुलिस कमि‍श्‍नर द्वारा ही किया जायेगा।
वहीं अपर पुलिस उपायुक्त ममता रानी चौधरी को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अध्याय 10 की धारा 133 से 143 तथा अपर पुलिस उपायुक्त/सहायक पुलिस आयुक्त चक्रपाणि त्रिपाठी को धारा 145 से 148 के अन्तर्गत कार्यपालक मजिस्ट्रेट को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग किये जाने के लि‍ये प्राधिकृत किया गया है। इनका कार्यालय एवं न्यायालय कमि‍श्‍नर, पुलिस कार्यालय होगा। ये दोनों अधिकारी आवंटित स्थान पर मंगलवार, शुक्रवार एवं शनिवार को प्रातः 11.00 बजे से 14.00 बजे तक उपलब्ध रहकर कार्य निष्पादित करेंगे।