3 हजार छात्रों को BHU देगा स्कॉलरशिप, 5 रुपए का भी कर सकते है दान, जाने VC ने क्या बताया प्लान...
BHU will give scholarship to 3 thousand students, you can donate even 5 rupees, know what the VC told the plan. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 3000 छात्रों को विश्वविद्यालय 25-25 हजार का स्कॉलरशिप देगा। यह फंड विश्वविद्यालय एल्युमिनाई से दान के रुप में लेगा।
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलपति (VC) सुधीर कुमार जैन ने विश्वविद्यालय के 106वें स्थापना दिवस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि BHU की सफलता केवल छात्र, प्रोफेसर और स्टाफ से ही नहीं होगी। बल्कि पूर्व छात्रों का इसमें बहुत बड़ा रोल है। महामना ने एक करोड़ रुपए की मांग की थी, बैंक का नाम और डिटेल भी दिया। BHU की स्थापना फिलेंथ्रॉपी से हुई है।
जब तक हम उस परंपरा को आगे नहीं बढ़ाएंगे तब तक मालवीय जी के प्रति समर्पित नहीं होंगे। मेरे पास 70 हजार एनुमुनाई के इमेल एड्रेस हैं। हमारे साथियों ने बहुत कम समय में उनसे संपर्क साधा है। देश-विदेश के एलुमुनाई अब हमसे जुड़ रहे हैं। महामना ने अपने और एजुकेशन के वेलविशर्स से धन की मांग की थी। उस समय कोई एलुमुनाई नहीं था।
3 हजार छात्रों को देंगे स्कॉलरशिप
VC ने कहा कि हम विश्वविद्यालय के 3 हजार छात्रों को 25-25 हजार रुपए की स्कॉलरशिप देंगे। इस स्कॉलरशिप फंड के लिए कुल 150 करोड़ रुपए जुटाने हैं। अभी पहला फंड पांच लाख रुपए का आया है जो कि BHU से जुड़े नहीं हैं। कुलपति प्रो. जैन ने बताया कि पैसा देने वाले मुंबई में रहते हैं, मगर वह वाराणसी के रहने वाले हैं। प्रो. जैन ने कहा कि इसके अलावा फंड देने वालों के अनुसार दुनिया के ख्यात विशेषज्ञों को चेयर प्रोफेसर बनाया जाएगा। यह एक तरह का सम्मान है।
विश्वविद्यालय तय करेगी रणनीति
प्रो. जैन ने बताया कि आज मेरे पास फ्रेमवर्क है। फंड जुटाने के लिए एक वेबसाइट है। कोई भी व्यक्ति 5 रुपए से 5 लाख रुपए तक दे सकता है। एलुमुनाई से 5 लाख रुपए लेकर ब्याज का पैसा देंगे। अगले साल वही स्कॉलरशिप दूसरे छात्र को देंगे।
प्रो. जैन ने बताया कि स्कॉलरशिप किसे दी जाएगी और चेयर प्रोफेसर कौन होगा यह सब कुछ यूनिवर्सिटी तय करेगी। जिस व्यक्ति के नाम से विश्वविद्यालय की छवि पर असर पड़ेगा तो उनका नाम हटा लिया जाएगा। अमेरिका में ऐसा होता है। बीएचयू की सफलता उसकी इमेज पर निर्भर करती है। खराब छवि होगी तो आगे से कोई नहीं आना चाहेगा।