तिहरे हत्याकांड में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए सुनाई उम्र कैद की सजा, लगाया ₹ 30-30 हजार का जुर्माना...
18 साल पहले कैंट के वरुणा विहार कॉलोनी में मां और दो बेटों की हुई हत्या में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है साथ ही 30-30 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। तिहरे हत्याकांड में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए राजघाट (गोरखपुर) के खूरमपुर निवासी गुलाब पाल, कुरौली (चोलापुर) के सुदामा गिरि को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायालय (षष्टम) की अदालत ने 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में कालीचरण भी आरोपित था लेकिन उसकी मृत्यु हो चुकी है, जबकि गुलाब का भाई राजकुमार घटना के समय नाबालिग था, उसकी पत्रावली बाल न्यायालय में विचाराधीन है. बता दें, 19 नवंबर 2005 को मां मुन्नी देवी और उसके दो बेटों पंकज उर्फ गुड्डू और संजय की जघन्य हत्या कर शव वरुणा विहार कॉलोनी (कैंट) में मकान के स्टोर रुम में बक्से में मिली थी. कोर्ट में अभियोजन की ओर से एडीजीसी कैलाश नाथ ने पैरवी की.
जानकारी के अनुसार वरुणा बिहार कॉलोनी में मुन्नी देवी का मकान था. राजघाट (गोरखपुर) के खूरमपुर निवासी कालीचरण मुन्नी देवी को अपना तथाकथित पत्नी बताता था. कालीचरण सिपाही था. वरुणा विहार कॉलोनी में मुन्नी देवी अपने दो बच्चों गुड्डू, संजय के साथ रहती थी. कालीचरण भी उन्हीं के साथ रहता भी था. कालीचरण मुन्नी के मकान पर कब्जा करना चाहता था. जबकि मुन्नी मकान को बेचकर सोनभद्र में रहना चाहती थी. संपति विवाद में ही कालीचरण ने मुन्नी देवी को रास्ते से हटाने के लिए योजना बनाई और दो लोगों गुलाब पाल और राजकुमार के साथ सुदामा गिरि को अपनी साजिश में शामिल कर उसे 50 हजार रुपये का लालच दिया.
19 नवंबर 2005 की रात वरुणा विहार स्थित मकान पर जाकर मुन्नी व उसके लड़कों पंकज उर्फ गुड्डू व संजय की हत्या कर शव को स्टोर रूम के बक्से में रखकर सभी भाग गए.
एडीजीसी कैलाश नाथ ने बताया की मकान से तेज दुर्गंध आने पर सिकरौल निवासी प्रदीप कुमार की सूचना पर 25 नवंबर 2015 को पुलिस पहुंची. प्रदीप की तहरीर पर ही मुकदमा दर्ज किया गया.