बदमाश बिल्डरों की कुंडली हो रही तैयार: ED करेगी नीलगिरी इंफ्रासिटी के आर्थिक साम्राज्य की जांच, CP ने गठित की SIT
वाराणसी, भदैनी मिरर। जमीन, सोने और टूर पैकेज के नाम पर वाराणसी चंदौली ही नहीं बल्कि कई राज्यों की जनता को लुभावने ऑफर देकर ठगने वाले बदमाश कम्पनी के CMD विकास कुमार सिंह, उसकी पत्नी MD ऋतु सिंह, मैनेजर प्रदीप यादव के खिलाफ दर्ज दो दर्जन के अधिक मुकदमें की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) करेगी। बुधवार को वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस से प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने संपर्क कर विकास के खिलाफ दर्ज मुकदमों का ब्योरा मांगा है। ED विकास सिंह, उसके परिजनों और करीबियों की संपत्तियों की कुंडली खंगालेंगी। यह पता लगाया जाएगा कि विकास ने कहां से इतना बड़ा आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया है। उसकी कंपनी में किस-किसने निवेश किया है। इसके साथ ही वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने विकास की कंपनी की धोखाधड़ी की प्रभावी जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का भी निर्णय लिया है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि केवल नीलगिरी ही नहीं बल्कि अन्य प्रॉपर्टी के व्यापार से जुड़े फ्रॉड करने वाले बिल्डरों की सूची तैयार की जा रही है, उनके ऊपर पैनी नजर बनी हुई है।
"जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने वालों की अब खैर नहीं, केवल नीलगिरी ही नहीं बल्कि अन्य बदमाश बिल्डरों की सूची भी तैयार की जा रही है। जनता के पैसों पर ऐश करना अब भारी पड़ेगा। निलगिरी इंफ्रासिटी के मालिकों पर दर्ज दो दर्जन से ऊपर मुकदमों की कार्रवाई की जांच ईडी को भेजी जा रही है।" - ए. सतीश गणेश, पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी
दो दिनों में दर्ज हुए 22 मुकदमें
कोर्ट जाने से पहले चेतगंज थाने में खींची गई सीएमडी विकास सिंह, मैनेजर प्रदीप यादव की तस्वीर
लुभावने ऑफर देकर जनता को ठगने वाले सीएमडी विकास, उसकी पत्नी एमडी ऋतु सिंह और उनके 5 अन्य सहयोगियों पर मंगलवार को धोखाधड़ी एवं अन्य आरोपों में चेतगंज पुलिस ने सात और मुकदमें लिख दिए। नीलगिरी के बारे में खबरें प्रकाशित होने के बाद कंपनी से पीड़ित लोग पुलिस की शरण में जा रहे है। इसके पहले सोमवार को नीलगिरी कम्पनी के ऊपर 15 मुकदमें दर्ज हुए थे। इस तरह 2 दिन में कंपनी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ 22 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इससे पहले भी वाराणसी और चंदौली के अलग-अलग थानों में इस कंपनी के संचालकों के खिलाफ 12 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। विकास, ऋतु और कंपनी का मैनेजर प्रदीप यादव फिलहाल जिला जेल में बंद हैं।
राजनैतिक गलियारों तक पहुंच की दिखाते थे धौंस
निलगिरी इंफ्रासिटी के मालिकों ने नोटबन्दी के बाद कई व्यापार शुरू कर दिए। उसके जानने वाले यह बताते है कि नोटबन्दी का उसके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और दोनों के लाइफस्टाइल में गजब का उछाल आया। दोनों लक्जरी गाड़ी से चलने लगे और आलीशान बंगला बनवाया।नोटबन्दी के बाद ही सोना और टूर पैकेज का काम भी शुरु कर दिया, इतना ही नहीं विकास ने कैंटोमेंट में एक रेटोरेंट भी शुरु किया लेकिन व्यापार में घाटा होने से उसे बन्द कर दिया। नोटबन्दी के दौरान ही उसके ताल्लुकात भी सोसाइटी के बड़े तबके के लोगों के साथ हो गए थे। इसी बीच दोनों वाराणसी से लखनऊ तक पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों और राजनीतिक गलियारों तक भी अपनी पैठ बना लिए थे। इसीलिए पैसा निवेश करने वाले जब अपने साथ धोखाधड़ी की बात कहते थे तो विकास उन्हें दो टूक जवाब देता था कि हमारी लखनऊ तक पहुंच है। जो बिगाड़ना होगा बिगाड़ कर दिखाना।
हालांकि समय का चक्र बदला और आलीशान जिंदगी जीने वाला विकास और उसकी पत्नी अब वाराणसी की जिला जेल की सलाखों के पीछे है। पुलिस धोखाधड़ी के इस बड़े खेल में विकास और ऋतु के 5 अन्य करीबियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
एक-एक जालसाजों को किया जाएगा चिन्हित
एडिशनल पुलिस कमिश्नर (क्राइम/हेडक्वार्टर) सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि नीलगिरी इंफ्रॉसिटी कंपनी जालसाजों का एक बड़ा गिरोह है। मुख्य कर्ताधर्ता सहित 3 लोग जेल भेज दिए गए हैं। अन्य नामजद को जल्द गिरफ्तार करने के लिए चेतगंज थाने की पुलिस को कहा गया है। चेतगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक और एसीपी चेतगंज को यह भी कहा गया है कि इस गिरोह के नेटवर्क में शामिल होकर आमजन के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक-एक जालसाज को चिह्नित कर कार्रवाई करें। इस गिरोह के सरगना सहित सभी के खिलाफ बेहद ही जल्द गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।