कोर्ट ने दिया कबीर मठ के विवेक दास पर FIR दर्ज करने का आदेश, ट्रस्ट की संपत्ति हड़पने का आरोप...
कबीरचौरा मठ मूलगादी के पूर्व महंत विवेकदास के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितेश कुमार सिन्हा की अदालत ने चेतगंज पुलिस को ट्रस्ट की संपत्ति हड़पकर अपने नाम करने और बेचने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने का निर्देश दिया है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। कबीरचौरा मठ मूलगादी के पूर्व महंत विवेकदास के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नितेश कुमार सिन्हा की अदालत ने चेतगंज पुलिस को ट्रस्ट की संपत्ति हड़पकर अपने नाम करने और बेचने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने बाबा प्रह्लाद दास के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए साक्ष्यों के आधार पर यह आदेश दिया है. बाबा प्रह्लाददास ने पूर्व महंत पर आरोप लगाया है की उन्होंने ट्रस्ट की जमीन को बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के ही बेच दिया.उधर चेतगंज पुलिस ने कहा है की कोर्ट के आदेश का अक्षरशः पालन करते हुए मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना की जाएगी.
ट्रस्ट की संपत्ति बेचने का आरोप
बाबा प्रह्लाद दास ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा है की सद्गुरु कबीर मंदिर सोसाइटी राजिस्टर्ड संस्था है. 23वें आचार्य ने वर्ष 1999 में अपने बाद के विवेक दास को संस्था का अध्यक्ष भी नियुक्त करते हुए तीन लाख रुपये बैंक बैलेंस दिया था. आरोप लगाया की महंत विवेक दास ने जिला जज से इजाजत लिए बगैर अवैध तरीके से अलग-अलग स्थानों पर स्थित संस्था के मकानों को बेच दिया. सद्गुरु कबीर मंदिर सोसाइटी व मठ की संपत्ति पर व्यक्तिगत ट्रस्ट सिद्धपीठ कबीरचौरा मठ मूलगादी ट्रस्ट का नाम दर्ज करा दिया. उन्होंने बताया कि इस अपराध से बचने के लिए महंत विवेक दास ने अध्यक्ष व ट्रस्टी के पद से इस्तीफा देकर प्रमोद दास को महंत बना दिया और अब वह विदेश भागने की फिराक में हैं.
अनुमति लेने की नहीं थी जानकारी
अदालत ने चेतगंज थाने की पुलिस द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट के अनुसार विवेक दास द्वारा कहा गया कि हमें यह जानकारी नहीं थी कि सोसाइटी की संपत्ति बेचने से पहले अनुमति लेनी पड़ती है. वर्तमान में मेरे शिष्य प्रमोद दास कबीर मठ की देखभाल कर रहे हैं. सीजेएम की अदालत ने कहा कि बाबा प्रहलाद दास की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत स्वीकार किया जाता है. थानाध्यक्ष चेतगंज को आदेशित किया जाता है कि प्रार्थना पत्र में वर्णित घटनाक्रम के संबंध में समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना कराना सुनिश्चित करें.