Corona संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन ट्रीटमेंट को चुने, बगैर चिकित्सकीय सलाह दवा का सेवन हो सकता है घातक...
वाराणसी, भदैनी मिरर। बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों को लेकर विशेष ध्यान देना होगा है और इसमें होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज बिना किसी डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग न करें। सोशल मीडिया पर इलाज के तौर- तरीकों पर विश्वास न करें क्योकिं इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। उक्त बातें एक परिचर्चा में ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ श्वांस, टीबी, एलर्जी एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ.एस.के. पाठक ने कही।
डॉ.पाठक ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीज सीरियस न हो तो अस्पताल के चक्कर नहीं काटना चाहिए। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह हैं कि समय रहते मरीज को अस्पताल के खर्च से बड़े आसानी से छुटकारा मिल जाता हैं, और वो अपने को होम आइसोलेशन में रखते हुए किसी और के लिए भी खतरा नहीं बन पाता हैं I
खुद से दवा लेने की भूल न करें
डॉ. एस.के. पाठक ने बताया कि अपने से कभी भी दवाइयां न ले, यह आपको चिकित्सक ही बताएंगे की आपको हल्का लक्षण है या लक्षण रहित संक्रमण है, संक्रमित व्यक्ति का पूरा परिवार नियमानुसार 14 दिन क्वारंटीन रहेगा। रोगी की देखरेख के लिए एक व्यक्ति दिनभर रहे, डॉक्टर से लागातार संपर्क में रहें I 45 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज जिन्हें बीपी, मधुमेह, हृदय, किडनी समेत अन्य बीमारियां हैं वो चिकित्सकी सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रहने चाहिए व संक्रमित के संपर्क में रहने वाला हर व्यक्ति चिकित्सकीय सलाह के बाद ही दवा ले अन्यथा समस्या गंभीर हो सकती हैं I
डॉ. पाठक ने आगे बताया कि अगर आप कोरोना संक्रमित हैं, और होम आइसोलेशन में हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना पड़ेगा, इससे न केवल आप कोरोना संक्रमण से जल्दी उबर सकते हैं बल्कि दैनिक दिनचर्या में भी लौटने में कम वक्त लगेगा। डॉ. पाठक कहते है कि मरीज को दवा के साथ कुछ एक्सरसाइज करने की सलाह दी जैसे दिन में 10 से 15 मिनट तक टहले, हल्की सांस की एक्सरसाइज करे, बाड़ी को पूरी तरह से जूस, फ्रूट, सरबत, नारियल पानी से हाइड्रेट रखे। कोरोना के मरीज एक्सरसाइज के साथ मेडिटेशन भी करे। नकारात्मक खबरों एवं वातावरण से बचे खुशमिजाज वातावरण में रहने की कोशिश करे।
डा. एस.के. पाठक दावा करते है कि उनकी देखरेख में करीब 90 फीसदी से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो गए हैं। इस दौरान मरीजों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए ताकि मरीज की रिकवरी तेज हो और परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण से बचाया जा सके। जैसे - घर में रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीज को अपने कमरे की खिड़कियां खुली रखनी चाहिए ताकि हवा और धूप कमरे में आ सके। घर में मरीजों को दो से तीन बार बुखार चेक करना चाहिए। ध्यान रहे कि बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा न हो। वहीं ऑक्सीमीटर की मदद से खून में ऑक्सीजन का लेवल भी चेक करते रहें। इसका लेवल 94 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए। घर में भी मरीज मास्क का प्रयोग करें। हर पांच से सात घंटे में उसे बदलें। मरीज अपने खाने के बर्तन, तौलियां, कपड़े और चादर आदि अलग रखें। इसे घर का कोई भी सदस्य उपयोग नहीं करे। वहीं इस दौरान भी अपने हाथों को साबुन से कम से कम 40 सेकंड तक अच्छे से धोएं या सैनिटाइजर से साफ करें।