सरदार पटेल इंटर कॉलेज में संविधान आधारित पोस्टर प्रदर्शनी और सामान्य ज्ञान परीक्षा का आयोजन  

भारतीय संविधान की जयंती वर्ष मनाने के तहत चांदपुर स्थित सरदार पटेल आदर्श इंटर कॉलेज में सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा संविधान आधारित पोस्टर प्रदर्शनी और सामान्य ज्ञान परीक्षा का आयोजन किया गया।

सरदार पटेल इंटर कॉलेज में संविधान आधारित पोस्टर प्रदर्शनी और सामान्य ज्ञान परीक्षा का आयोजन  

वाराणसी। भारतीय संविधान की जयंती वर्ष मनाने के तहत चांदपुर स्थित सरदार पटेल आदर्श इंटर कॉलेज में सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा संविधान आधारित पोस्टर प्रदर्शनी और सामान्य ज्ञान परीक्षा का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को संविधान की प्रमुख विशेषताओं, मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है।  


 
प्रदर्शनी में 32 पोस्टरों के माध्यम से भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण पहलुओं और संविधान निर्माण में महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया गया। छात्रों ने इन पोस्टरों के माध्यम से संविधान को गहराई से समझने का प्रयास किया।  

आशा ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे इस जागरूकता अभियान के तहत अब तक वाराणसी और आसपास के जिलों के 140 माध्यमिक विद्यालयों में संविधान आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं आयोजित की जा चुकी हैं। लगभग 40,000 विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया है। संस्था ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 1600 छात्रों को प्रशस्ति पत्र और उपहार प्रदान किए।  
 
कार्यक्रम संयोजक डॉ. इंदु पाण्डेय ने कहा किशोरावस्था में ही यदि छात्रों को मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों से परिचित कराया जाए, तो वे संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं। हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक विद्यालयों तक पहुंचकर विद्यार्थियों को संविधान की विशेषताओं को रुचिकर ढंग से समझाना है। 

कॉलेज की प्रधानाचार्या मीना पटेल ने इस प्रयास को प्रशंसा योग्य बताते हुए कहा कि "संविधान की मूल भावनाओं को समझाने के लिए आशा ट्रस्ट का यह अभिनव प्रयास सराहनीय है। बच्चों में इस तरह की रुचि बढ़ाने से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।"*  

संविधान दिवस पर आयोजित प्रतियोगिता और प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में दीनदयाल सिंह, अमित कुमार, शिवानी दास, बबिता कुमारी, मनोज कुमार सिंह, सुभाष लाल श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार, सविता मौर्या, अविनाश कुमार, और सुलोचना देवी जैसे शिक्षकों और सहयोगियों का प्रमुख योगदान रहा।