अजय राय की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लल्लू ने लिखा राज्यपाल, सीएम और मुख्य सचिव को पत्र, की यह मांग...

अजय राय की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लल्लू ने लिखा राज्यपाल, सीएम और मुख्य सचिव को पत्र, की यह मांग...


वाराणसी, भदैनी मिरर। कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी के यूपी के रोपड़ जेल में शिफ्ट होने की सारी तैयारियों पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने वाराणसी से पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे अजय राय की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है। पत्र में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि योगी सरकार जनप्रतिनिधि की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। पहले शस्त्र का लाइसेंस निरस्त करना और फिर सरकारी सुरक्षा वापस करना भी एक गम्भीर विषय है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आज योगी सरकार कांग्रेस की आवाज को येन-केन-प्रकारेण दबाना चाहती है। जनप्रतिनिधि रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय की सुरक्षा एवं व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना इसका जीता-जागता उदाहरण है। आज पूरे प्रदेश में कांग्रेस की आवाज को बलपूर्वक दबाया जा रहा है और लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।

लल्लू ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने जघन्य अपराधों जैसे हत्या आदि के मामलों में गवाहों की सुरक्षा को लेकर वर्ष 2018 के गवाह संरक्षण योजना का खुला उल्लंघन योगी सरकार कर रही है। अजय राय अपने भाई की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा हटाना और उनके निजी शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना है। यह भी उल्लेखनीय है कि श्री राय को प्रदेश सरकार ने दस प्रतिशत निजी व्यय पर सुरक्षा उपलब्ध कराई थी।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अजय राय विगत दो लोकसभा चुनावों में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं तथा योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सोशल मीडिया व आन्दोलनों के माध्यम से सरकार को घेरते रहते हैं यही कारण है कि सरकार द्वारा राजनीतिक विद्वेष के तहत श्री अजय राय पर बदले की भावना से कार्यवाही की गयी है। यह लोकतंत्र में कतई उचित नहीं है। अजय कुमार लल्लू ने मांग की है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक अजय राय की तत्काल सुरक्षा बहाल करते हुए उनके निजी शस्त्र लाइसेंस पुनः बहाल किये जाएं।