बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर CM सख्त, कहा नहीं मिलनी चाहिए बेड की शिकायत, जनता न रहे गलतफहमी में...

बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर CM सख्त, कहा नहीं मिलनी चाहिए बेड की शिकायत, जनता न रहे गलतफहमी में...


लखनऊ/भदैनी मिरर। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  जिलों के अफसरों से सख्ती से बातचीत की। उन्होंने चेताते हुए कहा कि गलतफहमी में न रहें, लॉकडाउन नहीं लगेगा। हम जनता को मरने नहीं देंगे, बेड की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। पहले से पूरी तैयारी करें। आवश्यकतानुसार निजी हॉस्पिटलों और मेडिकल कॉलेजों का टेकओवर करें। उन्होंने जिलों में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर जोर दिया। 

बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही सीएम योगी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर समीक्षा बैठक की थी। सीएम योगी कोरोना संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए रणनीति से लेकर क्रियान्वयन को तरजीह दे रहे हैं। उनका पूरा जोर कोरोना संक्रमण और बढ़ने से पहले तैयारियों को लेकर है। उन्होंने इसे तस्दीक भी किया कि कोरोना के खिलाफ संघर्ष को पूरी तैयारी के साथ मजबूती से लड़ना होगा। इस संघर्ष में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। 

सीएम ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी हम कोरोना से मजबूती से लड़ाई लड़ते हुए हम सफल होंगे। इसके लिए उन्होंने एल 2 और एल 3 के बेड्स पर्याप्त मात्रा में बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए निजी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज का टेकओवर करने के भी निर्देश दिए गए  हैं। उन्होंने निजी अस्पतालों और लैब में निर्धारित दरों से अधिक वसूली पर नाराजगी जाहिर की और कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।  

उन्होंने कहा कि किसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाने दिया जाएगा। इसे सख्ती के साथ रोकें। गलत जानकारी देने पर कठोर कार्यवाही होगी। सीएम ने 108 एंबुलेंस सेवा को आधी कोविड, आधी बिना कोविड के लिए और एंबुलेंस का रेस्पांस टाईम 15 मिनट रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूरी लड़ाई का केंद्र बिंदु इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को बनाने और उसकी एक-एक गतिविधि की निगरानी पर जोर दिया है।  

सीएम योगी ने जांच और उसकी रिपोर्ट में देरी पर अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस बारे में निजी लैब्स का भी सहयोग लिया जाए और जरूरी हो तो टेकओवर कर इसके बदले में पेमेंट किया जाए, लेकिन किसी सूरत में जांच रिपोर्ट में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लैब और टेस्टिंग की क्षमता के विस्तार पर जोर दिया है। आरटीपीसीआर की टेस्ट की क्षमता को 70 फीसदी तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।