BHU: आउट सोर्सिंग न करने की मांग को लेकर सेंट्रल ऑफिस पहुंचे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, बोले कंपनी अभी से मांग रही पैसा...

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने सर सुंदरलाल अस्पताल में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी शुक्रवार सेंट्रल ऑफिस पहुंचे और आउट सोर्सिंग किए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की. कर्मचारियों ने कहा की प्राइवेट कंपनी अभी से हम सबको प्रताड़ित कर रही है.

BHU: आउट सोर्सिंग न करने की मांग को लेकर सेंट्रल ऑफिस पहुंचे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, बोले कंपनी अभी से मांग रही पैसा...

वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में कार्यरत दैनिक भोगी कर्मचारी विश्वविद्यालय के निर्णय से खफा होकर बुधवार सुबह कुलपति को ज्ञापन सौंपने केंद्रीय कार्यालय पहुंच गए. सूचना मिलते ही मौके पर भारी संख्या में प्रॉक्टोरियल बोर्ड के जवान पहुंचे और उन्हें कुलपति कार्यालय में जाने से रोक लिया. दैनिक भोगी कर्मचारियों की मांग है की विश्वविद्यालय हम सबको मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के द्वारा कंपनी को देना चाहती है जिससे हम सबको प्रताड़ित होना पड़ेगा।

दैनिक वेतन कर्मचारियों को न करें आउटसोर्सिंग

दैनिक भोगी कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे विवेक कुमार ने बताया की पिछले 25 सालों से सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में कुल 98 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी काम करते है. इसी बीच 7 जनवरी 2022 को विश्वविद्यालय प्रशासन ने सर सुंदरलाल अस्पताल को दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग करने की अधिसूचना जारी कर दी. इस अधिसूचना के क्रियान्वयन न करने के लिए हम दैनिक वेतन कर्मचारियों ने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन से लिखित गुहार लगाई लेकिन अधिकारी हमेशा इसको टालते रहे. 

कर्मचारियों ने बताया की चिकित्सालय में ही 35 दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मियों का दैनिक स्वीकृती 01 जून 2022 को स्वीकृत हो चुकी है जबकि चिकित्सा विज्ञान संस्थान में भी 10 मई 2022 और परीक्षा नियंता कार्यालय में भी 20 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों का दैनिक स्वीकृती 01 अप्रैल 2022 को स्वीकृत हो चुका है। लेकिन सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में कार्यरत 98 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का दैनिक (Mandays) स्वीकृति नहीं किया जा रहा है।

ज्वाइनिंग का मांग रही कंपनी पैसा

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने कहा की आउट सोर्सिंग किए जाने से हम सभी कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जाएगा. अभी से कंपनी ज्वाइनिंग का पैसा मांग रही है. उसके पास तनख्वाह भी समय से नहीं मिलता. ऐसे में हम सबकी मांग है की विश्वविद्यालय चिकित्सालय में भी 98 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की व्यवस्था पहले की तरह ही रखें, हमें किसी कंपनी के अधीन न करें।