BHU: ट्रामा सेंटर के सुपरवाइजर पर एक और आरोप, पूर्व आईपीएस ने की जांच की मांग...
बीएचयू ट्रामा सेंटर में कार्यरत कंपनी के सुपरवाइजर पर एक और आरोप लगा है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के ट्रामा सेंटर में कार्यरत पीएससी कंपनी के सुपरवाइजर विजेंद्र पांडेय की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सफाईकर्मियों द्वारा पांव दबवाने और मालिश करवाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था की पूर्व सफाई कर्मचारी ने सुपरवाइजर पर नया आरोप लगाया है. इस प्रकरण में पुनः पत्र भेजकर पूर्व आईपीएस अफसर और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कुलपति से जांच की मांग की है.
भेजे गए शिकायती पत्र में अमिताभ ठाकुर ने कहा है की खुद को बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में पूर्व में कार्यरत सफाई कर्मी बताने वाले हिनौती माफी, मिर्जापुर निवासी आशुतोष कुमार सिंह ने अपने वीडियो में सुपरवाइजर विजेंद्र पांडेय सहित अन्य बाउंसर और कर्मचारियों की सांठ- गांठ बताते हुए ट्रामा सेंटर प्रभारी का नजदीकी बताया है. विजेंद्र पांडेय पर ड्यूटी के लिए पैसे और शराब मांगने सहित अन्य उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
बता दे, एक दिन पूर्व अमिताभ ने ट्रॉमा सेंटर से जुड़े अन्य वीडियो के आधार पर सुपरवाइजर पर सफाई कर्मियों को लाठियां से मारने, उनसे मालिश करवाने, पांव दबवाने आदि के आरोपों की जांच की मांग की थी. जिसके बाद सुपरवाइजर विजेंद्र पांडेय अन्य कर्मचारियों संग एक वीडियो जारी कर सभी आरोपों को मस्ती का बताते हुए मीडिया पर ढिकरा फोड़ा था.
आखिर क्यों बचाया जा रहा सुपरवाइजर
जब से सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से सुपरवाइजर का वीडियो वायरल हुआ है, तब से ट्रामा सेंटर में तरह तरह की चर्चाएं दबी जुबान हो रही है. सूत्र बताते है की सुपरवाइजर विजेंद्र पांडेय का ट्रामा सेंटर में काफी हनक है, कहा जाता है की ट्रामा सेंटर प्रभारी का सह प्राप्त है. आखिर सुपरवाइजर को बचाया क्यों जा रहा है? क्यों नहीं एक बार सभी आरोपों की निष्पक्ष तरीके से जांच कर ली जाती है.
उधर अमिताभ ठाकुर ने कहा है की ट्रामा सेंटर के तमाम आरोप- प्रत्यारोप यह सिद्ध करते है की सब कुछ तो ठीक नहीं चल रहा है.