कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोर्ट में अधिवक्ता ने दर्ज कराया बयान, RSS को लेकर विवादित ट्वीट का है मामला...
कोर्ट को अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने अपने बयान में कहा है की दिग्विजय सिंह ने तथ्यविहीन, कूटरचित फोटो व भ्रामक तथ्यों का प्रकाशन व प्रसारण सोशल मीडिया पर करके सामाजिक विद्वेष पैदा करने व संघ की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह द्वारा RSS के सरसंघचालक माधव सदाशिव राव गोलवलकर को लेकर अपने अधिकृत ट्विटर आईडी से किए गए पोस्ट के विरुद्ध वाराणसी न्यायालय के अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी द्वारा न्यायालय में दायर परिवाद मामले में शुक्रवार को शशांक शेखर त्रिपाठी ने एमपी/एमएलए कोर्ट उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में अपना बयान दर्ज करवा दिया. गवाहों का बयान दर्ज करवाने के लिए 26 जुलाई की तिथि नियत कर दी है.
कोर्ट को अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने अपने बयान में कहा है की दिग्विजय सिंह ने तथ्यविहीन, कूटरचित फोटो व भ्रामक तथ्यों का प्रकाशन व प्रसारण सोशल मीडिया पर करके सामाजिक विद्वेष पैदा करने व संघ की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है.
उन्होंने कोर्ट को बताया की दिग्विजय सिंह ने RSS के सरसंघचालक माधव सदाशिव राव गोलवलकर की फोटो लगाकर पिछड़े , दलितों और मुसलमानों को लेकर भेदभाव से जुड़े एक विवादित टिप्पणी पोस्ट की है. अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने कहा है की गोलवलकर जी का पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने में लगा रहा. आरोप लगाया है की दिग्विजय सिंह ने जानबूझकर समाज में विद्वेष पैदा करने तथा सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के आशय से देश की संप्रमुता, एकता व अखण्डता को प्रभावित करने, धर्म, मूल वंश, निवास स्थान, भाषा इत्यादि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता की स्थिति उत्पन्न करने और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य किए है. अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी के बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट ने गवाहों का बयान दर्ज कराने के लिए साक्ष्य के लिए 26 जुलाई की तारीख नियत कर दी है.