इनामी चिकित्सक गिरफ्तार: NEET-UG में धांधली का आरोपी अफरोज भाग गया था नेपाल, हाइकोर्ट से था अग्रिम जमानत की फिराक में...

Prize doctor arrested: Afroz, accused of rigging NEET-UG, had fled to Nepal, was looking for anticipatory bail from the High Court. नीट यूजी परीक्षा में धांधली करने वाले गैंग के सहयोगी इनामी चिकित्सक डॉक्टर अफरोज को सारनाथ पुलिस ने दबोच लिया है. दूसरे की जगह परीक्षा दे रही जूली सहित गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद डॉक्टर अफरोज नेपाल भाग गया था.

इनामी चिकित्सक गिरफ्तार: NEET-UG में धांधली का आरोपी अफरोज भाग गया था नेपाल, हाइकोर्ट से था अग्रिम जमानत की फिराक में...
इनामी चिकित्सक अफरोज को गिरफ्तार कर कोर्ट ले जाती सारनाथ पुलिस

वाराणसी,भदैनी मिरर। NEET-UG में सॉल्वर गैंग का सहयोग करने वाले लंबे समय से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी चिकित्सक डॉक्टर अफरोज को सारनाथ पुलिस ने सर्विलांस सेल की मदद से सिंहपुर बाईपास से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है। डॉक्टर अफरोज मूल रुप से थाना तुलसीपुर जनपद बलरामपुर का रहने वाला है मगर लखनऊ के कैशरबाग में रहता है। डॉक्टर अफरोज की तलाश पुलिस को 3 मुकदमों में थी। पिछले वर्ष 12 सितंबर को आयोजित हुए NEET-UG परीक्षा में जुली और अन्य लोगों के पकड़ने जाने के बाद डॉक्टर अफरोज नेपाल भाग गया था। बाद में हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और अपनी ससुराल अमेठी में स्थान बदल- बदल कर रह रहा था। डॉक्टर अफरोज उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत के प्रयास में भी था। 

मेडिकल अफसर के पद पर था डॉक्टर अफरोज

थानाध्यक्ष सारनाथ अर्जुन सिंह ने बताया कि डॉक्टर अफरोज 2010-11 के सत्र में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लिया। सत्र 2017-18 में पास आउट हुआ और वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से मेडिकल ऑफिसर के पद पर चयन हुआ। वर्तमान में लखनऊ के दाउदनगर पीएचसी एवं मोहनलालगंज सीएचसी में बतौर चिकित्सा अधिकारी कार्यरत था। वर्ष 2020 में डॉक्टर अफरोज ने मेदांता अस्पताल लखनऊ में कार्यरत डॉक्टर शिफा खान से वर्ष 2020 में  निकाह किया। डॉक्टर ओसामा और नीलेश गैंग के सरगना प्रेम कुमार सिंह उर्फ पीके से वर्ष 2018-19 में लखनऊ आने पर संपर्क में आये। डॉक्टर अफरोज वर्ष 2021 में नीट परीक्षा में 4 कैंडिडेट को सॉल्वर बैठाकर पास कराने का काम लिया था। 

 रुकी थी डॉक्टर अफरोज की इंटर्नशीप

पुलिस आयुक्त (CP) ए. सतीश गणेश ने बताया कि डॉक्टर अफरोज से जब गहराई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि एमबीबीएस में चयन सीपीएमटी परीक्षा के माध्यम से वर्ष 2010 में हुआ था। काउंसलिंग के समय ही अज्ञात व्यक्ति द्वारा शिकायत की गई कि मेरा सिलेक्शन फर्जी तरीके से सॉल्वर बैठाकर हुआ है जिस पर जांच के बाद थाना स्वरूप नगर  कानपुर नगर में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी शिकायत और मुकदमें की जांच के कारण मेरी इंटर्नशिप रुक गई थी बाद में 2017 में मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लग जाने के बाद इंटर्नशिप पूरी हुई थी। गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध दर्ज अन्य मुकदमों के बारे में जानकारी की जा रही है एवं पूछताछ में आए तथ्य को विवेचना में सम्मिलित कर अन्य शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। गिरफ्तार करने वाली टीम में थाना चेतगंज के एसआई सूरज कुमार तिवारी, क्राइम ब्रांच दरोगा राज कुमार पाण्डेय, दरोगा अखिलेश वर्मा थाना सारनाथ, एसआई विकास मिश्रा थाना चेतगंज, कांस्टेबल डेविड थाना सारनाथ, कांस्टेबल संतोष यादव और अनुग्रह वर्मा सर्विलांस सेल शामिल रहे।

गैंग लीडर सहित 19 भेजे जा चुके है जेल

सीपी सतीश गणेश ने बताया कि बबिता देवी, जुली कुमारी, अभय कुमार मेहता, डॉक्टर ओशामा शाहिद विकास कुमार महतो, राजू कुमार, अगरतला त्रिपुरा निवासी तपन शाहा, पटना निवासी रितेश सिंह, गैंग लीडर  पी.के. उर्फ नीलेश कुमार, कन्हैया लाल सिंह, क्रांति कौशल, अपचारी किशोरी हिना विस्वाश, त्रिपुरा निवासी गोपाल विस्वास, वीरेंद्र कुमार वर्मा, ओम प्रकाश सिंह, प्रमोद कुमार यादव , धनन्जय चौहान, आत्मसमर्पण करने वाला मुन्तजिर और डॉ अफ़रोज़।