युवा अधिवक्ता ने की एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग, कहा हम अपराधियों के हो जाते है दुश्मन...
देश के नागरिकों को न्याय प्रदान कराने वाले अधिवक्ता समूह ज्यादातर समय खूंखार, असामाजिक तत्वों और अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दायर करने और बहस करने में अपना समय व्यतीत करते है। ऐसे में वह अक्सर अपराधियों के नजर में होते हैं और कई बार उन्हें धमकियां भी दी जाती है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 12 जून को पत्र जारी कर कहा कि विधेयक में कानूनी बिरादरी के सदस्यों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया जाएगा ताकि वे और अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता किए बिना अपने कार्य को जारी कर सकें। बीसीआई ने सात सदस्यीय टीम भी बनाई है जो एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू कराने के लिए कार्य करेगी।
वाराणसी, भदैनी मिरर। वकीलों पर हालिया हमलों से चिंतित बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने अधिवक्ता संरक्षण विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए वकीलों की सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति सरकार के समक्ष इस मामले को रखे जी और अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने का प्रयास करेगी। इस मामले में यूपी युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि पिछले कुछ समय से पूरे देश में अधिवक्ताओं पर हमले हुए और उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है, ऐसे मामलों को देखते हुए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट पूरे देश के अधिवक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाना जरूरी है।
विकास सिंह ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार अधिवक्ताओं के हित से जुड़े मामलों में लगातार उदासीनता बरत रही है, जिससे अधिवक्ता समाज ठगा सा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह उचित समय है जब केंद्र और राज्य सरकार को इस मुद्दे को पूरी ईमानदारी के साथ उठाना चाहिए, ऐसा नहीं होने पर देश के अधिवक्ताओं को देशव्यापी आंदोलन का सहारा लेना होगा। उन्होंने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों से मिलकर इस मामले में जो भी सहयोग होगा उसे किया जाएगा। जिससे जल्द से जल्द अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो और अधिवक्ताओं के जान माल की सुरक्षा हो सकें।