ट्रांसजेण्डर समुदाय के अधिकारों और कानून को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला, एडीसीपी महिला अपराध बोलीं - प्राथमिकता पर सुने इनकी समस्याएं...

किसी उभयलिंगी व्यक्ति के किसी सार्वजनिक स्थान पर आवागमन आदि अवरूद्ध करेगा तो 6 माह से लेकर 2 वर्ष तक कारावास के दण्ड से दण्डित किया जायेगा तथा जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा.

ट्रांसजेण्डर समुदाय के अधिकारों और कानून को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला, एडीसीपी महिला अपराध बोलीं - प्राथमिकता पर सुने इनकी समस्याएं...

वाराणसी, भदैनी मिरर। समलैंगिक, उभयलिंगी और ट्रांसजेण्डर समुदाय को लेकर ट्रैफिक पुलिस लाइन में एडीसीपी महिला अपराध ममता रानी ने बुधवार को कार्यशाला का आयोजन किया. ट्रांसजेंडरों के साथ होने वाले भेदभाव पर रोक लगायी जाये एवं जबरन किसी ट्रांसजेंडर को बंधुआ मजदूर न बनाने , सार्वजनिक स्थानों का इस्तेमाल करने से रोकने, घर से या गांव से निकालना, शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा या यौन शोषण, मौखिक तौर पर, मानसिक तौर पर या आर्थिक तौर पर परेशान करना, अपशब्द कहना अपराध की श्रेणी में रखा गया है इसके प्रचार-प्रसार करना ही कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था. इस दौरान कमिश्नरेट वाराणसी के प्रत्येक थाने से 5 पुलिसकर्मी कार्यशाला में मौजूद रहे. 

एडीसीपी महिला अपराध ने बताया गया कि किसी उभयलिंगी व्यक्ति को सिवाय सरकार लोक परियोजनो के लिये अनिवार्य सेवा के बलपूर्वक या बंधुवा मजदूरी का कार्य करायेगा अथवा किसी उभयलिंगी व्यक्ति के किसी सार्वजनिक स्थान पर आवागमन आदि अवरूद्ध करेगा तो 6 माह से लेकर 2 वर्ष तक कारावास के दण्ड से दण्डित किया जायेगा तथा जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा. इसके साथ ही उपस्थित सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को निर्देशित किया गया कि ट्रांसजेण्डर पर्सन की समस्याओं को प्राथमिक के आधार पर सुना जाये व त्वरित निस्तारण कराया जाये तथा थाना स्तर से किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाए. इस दौरान हमसफर ट्रस्ट के पदाधिकारी, ट्रांसजेण्डर अध्यक्ष सलमा किन्नर, निलोफर व अन्य सदस्य, वन स्टाप सेन्टर के अधिकारी/कर्मचारीगण तथा ट्रांसजेण्डर सुरक्षा प्रकोष्ठ के अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद थे.